घनसाली के आपदा प्रभावित गांव पहुंचे सीएम रावत को झेलना पड़ा महिलाओं का विरोध, पढ़ें...
घनसाली के आपदा प्रभावित क्षेत्र गंगा और बहेड़ी गांव का आज सीएम हरीश रावत ने दौरा किया। हालांकि इस दौरान उन्हें ग्रामीणों की खूब खरी खोटी सुनने को मिली।
टिहरी। घनसाली के आपदा प्रभावित क्षेत्र गनगर और बहेड़ी गांव का आज सीएम हरीश रावत ने दौरा किया। हालांकि इस दौरान उन्हें ग्रामीणों की खूब खरी खोटी सुनने को मिली। ग्रामीणों ने कहा कि प्रशासन सिर्फ घूमने के मकसद से गांव आ रह है। वहीं खोला गांव में महिलाओं ने सीएम के आने पर खूब हंगामा किया। स्थिति यह रही कि सीएम गाड़ी में भी नहीं बैठ पाए। पुलिसकर्मियों ने बड़ी मुश्किल से महिलाओं को रोका।
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आज सीएम रावत हेलीकॉप्टर से घनसाली के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में गए। घनसाली में कुछ दिन पहले बादल फटने से भारी मात्रा में नुकसान हुआ था। कई ग्रामीणों के घर-खेत और सड़क बह गए थे। इन्हीं क्षेत्रों का मुआयना करने के लिए सीएम आज यहां आए थे।
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इस दौरान सीएम रावत घनसाली के आपदाग्रस्त गांव कोठियाड़ा पहुंचे। उन्होंने कहा कि आपदा पीडि़तों के लिए राहत कार्य शुरू कर दिया गया है। सभी के लिए टीन शेड बनाए जाएंगे। इसके बाद वे गंगा व बहेड़ी गांव पहुंचे। यहां आकर सीएम का अनुभव अच्छा नहीं रहा। ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन पर उपेक्षा का आरोप लगाया। सीएम ने उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
इस कड़ी में सीएम ने गनगर गांव का दौरा भी किया। इस मौके पर महिलाएं आक्रोशित हो गई और मुख्यमंत्री के काफिले को वापसी में मोटर मार्ग पर पत्थर रखकर रोक दिया। प्रभावित लोगों ने आरोप लगाया कि आपदा को आए पांच दिन का समय बीत गया है, लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई भी अधिकारी नहीं आया है।
प्रभावित गांव के लोगों को एक पानी की बोतल तक नहीं दी गई है। इस दौरान पुलिस और प्रशासन ने महिलाओं को समझाने का प्रयास किया लेकिन महिलाएं नहीं मानी। महिलाओं के नहीं मानने पर मुख्यमंत्री अपनी गाड़ी छोड़ कर पैदल ही हैलीपेड के लिए निकल पड़े। दो सौ मीटर जाने के बाद एसडीएम के वाहन से मुख्यमंत्री को हैलीपैड पर छोड़ा गया, जिसके बाद वह देहरादून रवाना हुए। इसके बाद आक्रोशित महिलाओं ने जिलाधिकारी समेत क्षेत्रीय विधायक भीमलाल आर्य व अधिकारियों को घेरे रखा और जाम नहीं खोला। बाद में किसी तरह डीएम इन्दुधर बौड़ाई ने महिलाओं को समझाया, जिसके बाद महिलाओं ने जाम हटाया।
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