जिले के 150 प्राकृतिक जल स्रोतों का होगा संरक्षण
जल संरक्षण को लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण ने नई मुहिम की शुरुआत की है।
महराजगंज : धान की फसल कटते ही उस पर निजी गल्ला कारोबारियों ने अपनी नजर गड़ा ली है।कारोबारी घोषित समर्थन मूल्य से काफी कम कीमत पर उपज को खरीदकर अपना गोदाम भर लेने में भलाई समझ रहे हैं। घर की जमा पूंजी खर्च कर तैयार फसल का उचित मूल्य न मिलने से किसानों के चेहरे पर मायूसी साफ झलक रही है। आंकड़ों पर गौर करें तो नौतनवा तहसील क्षेत्र में धान की सरकारी खरीद के लिए साधन सहकारी समिति मंगलापुर, बैंकुंठपुर, सिरसिया, गजरही, क्रय विक्रय नौतनवा आदि को खरीद केंद्र बनाया गया है। यहां 15 अक्टूबर से 28 फरवरी के बीच धान खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए सामान्य धान का समर्थन मूल्य 1868 रुपये व ए ग्रेड धान का मूल्य 1888 रुपये निर्धारित है, लेकिन क्रय केंद्रों पर खरीद की सुस्ती का सीधा फायदा निजी गल्ला कारोबारियों को मिल रहा है। हालात के मारे किसानों को धान काटने के बाद खाली पड़े खेतों में आलू, सरसों, मटर, मसूर गेंहू आदि की बोवाई के लिए तत्काल नकदी की आवश्यकता है। ऐसे में घर आए अनाज के दाने को थक हारकर किसान 800 रुपये से 1200 रुपये प्रति क्विंटल की कम कीमत पर निजी गल्ला कारोबारियों के हाथों बेचने को मजबूर हो रहे हैं। दोगहरा गांव के किसान रामकोमल व असुरैना गांव के किसान जनार्दन प्रसाद प्रजापति का कहना है कि प्रशासनिक सुस्ती से सरकार की नीतियों का सही लाभ किसानों को नहीं मिल पा रहा है। हां इतना जरुरी है कि बाद में केंद्र प्रभारी निजी गल्ला कारोबारी से मिलकर अपना खरीद लक्ष्य जरुर पूरा कर लेते हैं।
उपजिलाधिकारी प्रमोद कुमार का कहना है कि किसानों की सुविधा के लिए क्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं। वहां पहुंचकर किसान अपने उपज की तौल करा सकतें हैं। किसी भी व्यक्ति द्वारा अवैध तरीके से दुकान संचालित कर किसानों से ठगी का मामला संज्ञान में आया, तो जांच पड़ताल कर कार्रवाई की जाएगी।