बीमार बुजुर्ग को ढाई किमी कुर्सी में बांधकर पैदल पहुंचाया अस्पताल
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: बच्छणस्यूं पट्टी की एक 80 वर्षीय बीमार महिला को ग्रामीणों ने लोहे की कुर्
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: बच्छणस्यूं पट्टी की एक 80 वर्षीय बीमार महिला को ग्रामीणों ने लोहे की कुर्सी में बांधकर ढाई किलोमीटर पैदल चलने के बाद अस्पताल पहुंचाया। यहां के ग्रामीणों में शासन-प्रशासन के खिलाफ भारी आक्रोश है। सड़क न होने से बीमार होने पर अक्सर ग्रामीणों को पालकी, कुर्सी और कंडी में बैठाकर अस्पताल पहुंचाया जाता है।
जिले की बच्छणस्यूं क्षेत्र के ग्राम पंचायत बंगोली निवासी बुजुर्ग शशी देवी की शनिवार सुबह तबीयत अचानक बिगड़ने पर महिला को कुर्सी पर बैठाकर उस पर रस्सी व डंडे बांधकर ग्रामीणों ने ढ़ाई किमी पैदल चलने के बाद वाहन से अस्पताल पहुंचाया। जब भी आसपास के गांवों में कोई गर्भवती महिला, बुजर्ग या कोई भी ग्रामीण बीमार होता है तो उन्हें चारपाई व डंडी से अस्पताल पहुंचाया जाता है। सड़क न होने के कारण ग्रामीणों को यह समस्या झेलनी पड़ती है। बच्छणस्यूं क्षेत्र की ग्राम पंचायत बंगोली और निषणी को जोड़ने के लिए स्वीकृत खांकरा-भूमरागढ़-पौड़ीखाल मोटरमार्ग पर शिलान्यास के बावजूद निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। स्थिति यह है कि मोटरमार्ग न होने से बीमारों को डंडी में बिठाकर अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। भूमरागढ़-पौड़ीखाल सड़क की पुनरीक्षित स्वीकृति फरवरी 2021 में मिल गई थी। लोक निर्माण विभाग का कहना है कि तकनीकी स्वीकृति अभी तक नहीं मिली है, जबकि लोक निर्माण विभाग ने 25 जून 2021 से सड़क का निर्माण कार्य शुरू करने की बात कही थी। इस सड़क से बंगोली और निषनी ग्राम पंचायत के करीब दस गांवों को लाभान्वित होना है। प्रधान बंगोली बीरेंद्र लाल, प्रधान निषणी इंदु देवी, सामाजिक कार्यकत्र्ता, दीनदयाल रौथाण, दरमान सिंह आदि का कहना है कि ग्रामीणों को लगभग ढाई किमी पैदल चलना पड़ रहा है। सड़क से सुनाऊ, मरगांव, कनेथ, पन धारा, चांयु, ढींगरी, धामनी, कफनखील सहित अन्य गांवों को लाभ मिलेगा। इन सभी गांवों के लोग सड़क के लिए आंदोलन के लिए तैयार हैं। वही ंलोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता इंद्रजीत बोस का कहना है कि तकनीकी स्वीकृति मिलते ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।