14 वर्ष बाद भी पेयजल योजना पर नहीं चला पानी
भरदार क्षेत्र के लिए 14 वर्ष पूर्व स्वीकृत हुई रौठिया-जवाड़ी पेयजल योजना पर आज तक पानी की आपूर्ति नहीं हो सकी है। इस वर्ष जिले में अछी बारिश न होने से प्राकृतिक स्रोत पूरी तरह सूख चुके हैं और ग्रामीणों को पानी के लिए दर-दर भटकने को मजबूर होना पड़ रहा है।
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: भरदार क्षेत्र के लिए 14 वर्ष पूर्व स्वीकृत हुई रौठिया-जवाड़ी पेयजल योजना पर आज तक पानी की आपूर्ति नहीं हो सकी है। इस वर्ष जिले में अच्छी बारिश न होने से प्राकृतिक स्रोत पूरी तरह सूख चुके हैं और ग्रामीणों को पानी के लिए दर-दर भटकने को मजबूर होना पड़ रहा है। इससे क्षेत्रीय ग्रामीणों में पेयजल निगम के प्रति रोष बना हुआ है। हालांकि निगम की ओर से योजना से हर घर नल की प्रक्रिया भी साथ-साथ की जा रही है।
वर्ष 2006 में भरदार क्षेत्र के 53 गांवों में पेयजल मुहैया कराने के लिए रौठिया-जवाड़ी पेयजल योजना को शासन से स्वीकृति मिली थी। वित्तीय स्वीकृति मिलने के बाद पहले वन भूमि का पेंच फंसने से कई वर्षों तक योजना का निर्माण कार्य लटका रहा। स्वीकृति के चार वर्ष बाद कार्यदायी संस्था पेयजल निगम ने जैसे-तैसे कर वर्ष 2010 में पेयजल योजना पर निर्माण कार्य शुरू किया। भरदार क्षेत्र के लिए 12.94 करोड़ की लागत से बनने वाली पेयजल योजना को लस्तर नहर से जोड़ने की पेयजल निगम की कवायद के आगे क्षेत्रीय जनता का विरोध भारी पड़ा था। पांच वषरें तक योजना विवादों के चलते नहीं बन सकी, जिसके बाद ग्रामीणों से वार्तालाप कर उन्हें समझाने के बाद निर्माण कार्य शुरू हुआ था। वर्तमान में योजना की मेन लाइन बिछाने के साथ ही टैंक एवं गांवों के लिए पेयजल लाइनें बिछाने का काम गतिमान है। योजना पर शेष निर्माण कार्य के लिए पेयजल निगम की ओर से शासन को भेजी 13 करोड़ के रिवाइज फंड के पूरे बजट की धनराशि भी मिल चुकी है। पेयजल निगम ने मई तक योजना पर पानी की आपूर्ति शुरू करने का आश्वासन ग्रामीणों को दिया था, लेकिन छह माह बीतने के बाद भी मुख्य लाइन से पानी आपूर्ति शुरू नहीं हो सकी है, जिससे भरदार क्षेत्र में इन दिनों पानी का संकट गहरा गया है। गांव में जिन प्राकृतिक स्रोत के भरोसे ग्रामीण रहते थे, वहां पर पानी नाममात्र आने से उन्हें काफी दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं, जिससे ग्रामीणों को पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। स्वीकृति के लंबे अर्से बाद भी योजना शुरू न होने ग्रामीणों में कार्यदायी संस्था के प्रति खासा रोष बना हुआ है। वहीं विभाग का कहना है कि पैंताल-त्यूंखर मोटरमार्ग से डेढ़ किमी मेन लाइन टूटने से योजना पर पानी की आपूर्ति नहीं हो सकी है। जब इस स्थान पर मोटर मार्ग पर निर्माण होगा, तभी दूसरी लाइन यहां पर बिछाई जाएगी। मार्च तक पानी की आपूर्ति शुरू होने की उम्मीद है।
जनाधिकार मंच के अध्यक्ष मोहित डिमरी ने बताया कि रौठिया-जवाड़ी पेयजल योजना पर आपूर्ति शुरू करने के लिए कई बार विभागीय अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही। कहा कि भरदार क्षेत्र में इन दिनों पानी का संकट गहराने से लोगों को पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है।
रौठिया-जवाड़ी पेयजल योजना के लिए मुख्य लाइन का कार्य लगभग पूरा हो गया था, लेकिन पैंताल-त्यूंखर मोटरमार्ग निर्माण से योजना की डेढ़ किमी लाइन क्षतिग्रस्त हो गई। योजना का अलाइमेंट बदलने की कार्यवाही की गई, लेकिन वन विभाग की ओर से भूमि नहीं दी गई। पैंताल में पाइप लाइन जोड़ने के बाद मार्च तक योजना पर पानी की आपूर्ति नियमित रूप से शुरू कर दी जाएगी।
नवल कुमार
अधिशासी अभियंता, पेयजल निगम रुद्रप्रयाग