सांदर गांव सड़क पहुंचने पर झूमे ग्रामीण
जिला मुख्यालय के पास सांदर गांव बीस साल बाद मोटरमार्ग से जुड़ गया है।
संवाद सहयोगी, रुदप्रयाग: जिला मुख्यालय के पास सांदर गांव बीस साल बाद मोटरमार्ग से जुड़ गया है। इस मोटरमार्ग के बनने से गांव के एक सौ से अधिक परिवारों को अब कलक्ट्रेट जाने के लिए शहर घूमकर नहीं जाना पड़ेगा। पहले ग्रामीणों को 11 किलोमीटर घूमकर कलक्ट्रेट जाना पड़ता था। सोमवार को जब यह सड़क गांव पहुंची तो ग्रामीण खुशी से झूम उठे।
बीस साल पहले सांदर गांव को जोड़ने के लिए डेढ़ किमी सड़क की स्वीकृति शासन से मिली थी। इसके बाद लोनिवि ने जैसे-तैसे मोटरमार्ग का कटिग कार्य शुरू किया, लेकिन मार्ग सांदर गांव तक नहीं पहुंचने तथा ऊबड़ खाबड़ होने से इस पर वाहनों का आवागमन नहीं हो सका। इसके अलावा ग्रामीणों के विवाद के चलते यह मोटरमार्ग इससे आगे नहीं बढ़ सका। पिछले साल नवंबर में पंचायत चुनाव के बाद एक बार फिर से ग्रामीणों ने स्थानीय विधायक भरत सिंह चौधरी से इस संबंध में वार्ता कर सड़क को गांव तक पहुंचाने की मांग की। विधायक ने गांव के प्रस्ताव के आधार पर लोनिवि को एक किलोमीटर मोटरमार्ग का आगणन तैयार कर स्वीकृति के लिए शासन को भेजने को कहा। इसके बाद राज्य योजना में एक किलोमीटर मोटरमार्ग को स्वीकृति मिल गई। अब लोनिवि ने मोटरमार्ग टेंडर की समस्त औपचारिकताएं पूर्ण करने के बाद मोटरमार्ग पर निर्माण कार्य शुरू करवा दिया। सोमवार को जैसे ही मोटरमार्ग का निर्माण कार्य गांव के अंतिम छोर पर पहुंचा तो, ग्रामीण खुशी से झूम उठे।
ग्राम प्रधान भूपेंद्र जगवाण का कहना है कि बीस साल के इंतजार के बाद आज गांव सड़क मार्ग से जुड़ चुका है। जिससे गांव के एक सौ से अधिक परिवारों को इसका लाभ मिलेगा। बहुप्रतीक्षित इस मोटरमार्ग के प्रथम फेस के लिए 31 लाख एवं दूसरे फेस के लिए 54 लाख के बजट की मंजूरी दी गई है। मोटरमार्ग के अंतिम छोर से एक किमी आगे जिला कार्यालय स्थित है। यदि भविष्य में यह मार्ग रुद्रप्रयाग-पोखरी मोटरमार्ग से लिक होता है, तो इससे जिला कार्यालय, विकास भवन के साथ ही तहसील भी आपस में जुड़ जाएंगे। भविष्य में यह मोटरमार्ग गौरीकुंड हाईवे का वैकल्पिक मार्ग भी बन सकता है, जिससे केदारघाटी के लोगों को जिला कार्यालय पहुंचने में सहूलियत मिलेगी।