मूर्तियों को चांदी के थाल में सजाकर की गई मंदिर की 21 परिक्रमाएं
शिव-पार्वती विवाह स्थल त्रियुगीनारायण में वामन द्वादशी मेला सादगी के साथ मनाया गया। इस अवसर पर भगवान नारायण एवं क्षेत्रपाल की मूर्ति की पूजा-अर्चना के बाद चांदी की थाल में सजाकर मंदिर की 21 परिक्रमाएं की गई। इस दौरान भक्तों ने भगवान के वामन रूप से दर्शन कर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की।
संवाद सूत्र, फाटा: शिव-पार्वती विवाह स्थल त्रियुगीनारायण में वामन द्वादशी मेला सादगी के साथ मनाया गया। इस अवसर पर भगवान नारायण एवं क्षेत्रपाल की मूर्ति की पूजा-अर्चना के बाद चांदी की थाल में सजाकर मंदिर की 21 परिक्रमाएं की गई। इस दौरान भक्तों ने भगवान के वामन रूप से दर्शन कर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। वहीं मेले की पूर्व रात्रि को विभिन्न क्षेत्रों के 18 निसंतान दंपतियों ने संतान प्राप्ति के लिए व्रत भी रखा।
प्रतिवर्ष जनपद के सीमांत गांव त्रियुगीनारायण में शुक्ल पक्ष की द्वादशी के दिन भगवान विष्णु के वामन रूप में अवतरित होने पर यह मेला मनाया जाता है। इस वर्ष वामन द्वादशी मेले को सादगी के साथ मनाया गया। बीती गुरुवार सुबह मंदिर में पुजारियों ने भगवान नारायण एवं भैरवनाथ की मूर्तियों को डोली में सजाकर विशेष पूजा-अर्चना की। रात्रिभर चार पहर की पूजा अर्चना के बाद शुक्रवार को थाल में सजाकर आम भक्तों के दर्शनार्थ बाहर लाया गया। ग्राम शेरसी के नौटियाल परिवारों ने भगवान की थाल को सिर पर सजाया। ब्राह्मणों एवं पुरोहितों ने मंत्रोच्चारण किया, जिसके बाद मंदिर की 21 परिक्रमाएं की गई। इस दौरान भक्तों ने नारायण भगवान के दर्शन कर पुण्य अर्जित किया। भगवान के जयकारों से क्षेत्र का पूरा माहौल भक्तिमय हो गया। वहीं रुद्रप्रयाग के साथ ही कुमाऊं, अल्मोड़ा, टिहरी, पौड़ी जनपद से रात्रि जागरण उपवास पर संतान प्राप्ति के लिए बैठी 18 निसंतान दंपतियों को भगवान नारायण व भैरवनाथ के पश्वा ने आशीर्वाद स्वरूप फल प्रदान किए। इसके अलावा मेले में जंगल से मोरू की लंबी डालें भी लाई जाती हैं। इनका पौराणिक उद्देश्य क्षेत्र में अधिक बर्फबारी होने के कारण तीन युगों से जलती आ रही अग्निकुंड में लकड़ियों की व्यवस्था करना है। इस दौरान प्रधान त्रियुगीनारायण प्रियंका तिवारी, सरपंच राजेश भट्ट, महिला मंगल दल अध्यक्ष आरती देवी, तीर्थ पुरोहित भक्त दर्शन, जगमोहन भट्ट, योगेंद्र तिवारी, महेंद्र सेमवाल समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।