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केदारनाथ यात्रा होगी सुगम, दो नए पैदल मार्ग तैयार

गौरीकुंड के अलावा चौमासी व त्रियुगीनारायण पैदल मार्ग से भी केदारनाथ धाम पहुंच सकते हैं। वन विभाग ने दोनों पौराणिक पैदल ट्रैक बनाकर तैयार कर दिए हैं।

By BhanuEdited By: Published: Wed, 24 Aug 2016 01:26 PM (IST)Updated: Sat, 03 Sep 2016 07:00 AM (IST)
केदारनाथ यात्रा होगी सुगम, दो नए पैदल मार्ग तैयार

रुद्रप्रयाग, [जेएनएन]: अब आप गौरीकुंड के अलावा चौमासी व त्रियुगीनारायण पैदल मार्ग से भी केदारनाथ धाम पहुंच सकते हैं। वन विभाग ने दोनों पौराणिक पैदल ट्रैक बनाकर तैयार कर दिए हैं। आपदा प्रबंधन की दृष्टि से इन पैदल मार्गों को काफी सुरक्षित माना जा रहा है।
2013 की आपदा के दौरान इन्हीं रास्तों से होकर हजारों यात्रियों ने अपनी जान बचाई थी। इसी के बाद इन्हें दुरुस्त करने का निर्णय लिया गया था।

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विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम पहुंचने के लिए अब तक केवल गौरीकुंड से ही 16 किलोमीटर की पैदल दूरी तय कर पहुंचा जा सकता था। लेकिन, अब वन विभाग ने त्रियुगीनारायण से सीधे केदारनाथ धाम तक के लिए 15 किलोमीटर लंबा ट्रैक तैयार कर लिया है।

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पौराणिक समय में गंगोत्री से केदारनाथ पहुंचने के लिए यात्री इसी मार्ग का प्रयोग करते थे। जबकि, दूसरा ट्रैक चौमासी से रामबाड़ा के दूसरी ओर होते हुए लिनचोली के पास केदारनाथ पैदल मार्ग से मिल जाएगा। इस मार्ग पर चौमासी से 10 किलोमीटर की दूरी तय कर रामबाड़ा के दूसरी ओर पहुंचा जा सकता है।

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यहां से लिनचोली होते हुए केदारनाथ की दूरी आठ किलोमीटर है। इन पैदल मार्गों के निर्माण को जून 2013 में केदारनाथ आपदा के बाद ही कवायद शुरू कर दी गई थी। इस पूरे क्षेत्र के प्रतिबंधित वन क्षेत्र में होने के कारण सरकार ने केदारनाथ वन प्रभाग को ही इन दोनों ट्रैक के निर्माण का जिम्मा सौंपा। इन ट्रैक के निर्माण का मुख्य उद्देश्य भविष्य में आपदाओं के मद्देनजर केदारनाथ से यात्रियों को सुरक्षित निकालना है।

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बता दें कि केदारनाथ त्रासदी में गौरीकुंड से केदारनाथ तक पैदल मार्ग पूरी तरह तबाह हो गया था। ऐसे में प्रशासन के पास धाम तक पैदल पहुंचने का कोई विकल्प न होने के कारण बड़ी तादाद में बीच में फंसे लोगों की जान गंवानी पड़ी। इसी को देखते हुए प्रदेश सरकार ने केदारनाथ धाम को दो अन्य पौराणिक ट्रैक से जोडऩे की कवायद शुरू की थी।
जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग डॉ. राघव लंगर के मुताबिक केदारनाथ में आपदा के मद्देनजर इन पैदल मार्गों के निर्माण की योजना बनाई गई थी। भविष्य में अगर आपदा जैसी स्थिति पैदा होती है तो इन मार्गों का फायदा मिलेगा।
पहला मार्ग
चौमासी से केदारनाथ: कुल दूरी 18 किलोमीटर। चौमासी से लिनचोली के पास तक 10 किलोमीटर नया मार्ग बनाया गया है, जो केदारनाथ पैदल मार्ग पर लिनचोली से पहले मिल जाता है। मार्ग निर्माण पर एक करोड़ की धनराशि खर्च हुई।
दूसरा मार्ग
त्रियुगीनारायण से केदारनाथ: कुल दूरी 15 किलोमीटर। कुल धनराशि खर्च हुई एक करोड़ 40 लाख रुपये।
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