जांच समिति ने दरकिनार किए डीएम के आदेश
ऑलवेदर रोड के तहत बदरीनाथ हाईवे पर रुद्रप्रयाग मुख्य बाजार में बना पुल सवालों के घेरे में है।
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग:
ऑलवेदर रोड के तहत बदरीनाथ हाईवे पर रुद्रप्रयाग मुख्य बाजार में बना पुल सवालों के घेरे में है। पुल के डिजाइन में गड़बड़ी की आशंका को देखते हुए फरवरी में तत्कालीन जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने इसकी जांच के आदेश दिए थे। लेकिन, अधिकारियों मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। यही वजह है कि निर्माण के मात्र 20 दिन के भीतर ही पुल की नींव एक छोर खोखला हो चुका है।
फरवरी में निरीक्षण के दौरान पुल का डिजाइन मानकों के अनुरूप न पाए जाने पर तत्कालीन जिलाधिकारी ने नाराजगी जताते हुए अधीक्षण अभियंता लोनिवि की अध्यक्षता में तीन-सदस्यीय जांच समिति गठित की थी। इसमें ईई सिंचाई व ईई पीएमजीएसवाई को बतौर सदस्य शामिल किया गया था। साथ ही समिति को आदेश दिए गए थे कि स्टील गार्डर पुल पर किए गए कार्य और कार्यदायी संस्था ने प्रोजेक्ट के अनुरूप कार्य किया है या नहीं, इसकी जांच कर तीन दिन में विस्तृत रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए। लेकिन, समिति मामले को ही दबा गई।
अब जांच में शामिल अधिकारी तर्क दे रहे हैं कि व्यस्तता के चलते जांच नहीं हो सकी। विदित हो कि 1.70 करोड़ की लागत से बने पुल के डिजाइन को लेकर निर्माण के समय से ही सवाल उठने लगे थे। आरोप है कि कांट्रेक्टर ने अपनी सुविधा को देखते हुए पुल के डिजाइन में बदलाव कर दिया। पुल 30 अगस्त को बनकर तैयार हुआ और इसके 20 दिन बाद ही पुल की नींव खोखली हो गई। इस पर डीएम वंदना सिंह ने नेशनल हाईवे लोनिवि के अधिकारियों को तलब कर कार्रवाई के निर्देश दिए।
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व्यस्तता के चलते नहीं करा सके जांच
जांच समिति के अध्यक्ष अधीक्षण अभियंता लोनिवि मुकेश परमार का कहना है कि तत्कालीन डीएम ने पुल की जांच के आदेश दिए थे। लेकिन, नेशनल हाईवे की ओर से पुल के डिजाइन से संबंधित पत्रावली उपलब्ध नहीं कराई गई। इससे जांच पूरी नहीं हो सकी। इस बीच पुल तैयार कर दिया गया और उनकी डिवीजन गोपेश्वर स्थानांतरित हो गई। ऐसे में व्यवस्तता के चलते वह जांच नहीं कर सके। हालांकि, अब नेशनल हाईवे के ईई दिनेश बिजल्वाण ने कहा कि कमियों को दूर कर पुल को तकनीकी रूप से मजबूत किया जाएगा।
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'मामले में तत्कालीन जिलाधिकारी की ओर से पुल की जांच कराए जाने की बात सामने आई थी। लेकिन, काफी खोजबीन के बाद भी संबंधित पत्रावली उपलब्ध नहीं हो सकी।'
-वंदना सिंह, जिलाधिकारी, रुद्रप्रयाग