अहंकार मनुष्य के लिए घातक: आचार्य नौटियाल
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: बदरी-केदार मंदिर समिति की ओर से केदारनाथ धाम में चल रही 11 दिवसी
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: बदरी-केदार मंदिर समिति की ओर से केदारनाथ धाम में चल रही 11 दिवसीय महाशिवपुराण कथा में कथावाचक आचार्य दीपक नौटियाल ने कहा कि अहंकार मनुष्य के जीवन को सर्वनाश कर देता है। इसलिए कभी भी मनुष्य को अहंकार छोड़कर अच्छे विचारों के साथ आगे बढ़ना चाहिए। 13 अगस्त को कथा का समापन होगा।
2013 की केदारनाथ आपदा में दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए पिछले चार साल से निरंतर सावन माह में महाशिव पुराण का आयोजन किया जा रहा है।
कथावाचक आचार्य दीपक नौटियाल ने नारद मोह का सजीव वर्णन करते हुए कहा कि जब महर्षि नारद को अहंकार आ जाता है, तो वह वैराग्य मार्ग से अलग होकर विश्व मोहिनी नामक कन्या से विवाह करने इच्छा जताते हैं। भगवान शिव उनको इस सांसारिक प्रपंच से दूर रहने एवं अहंकार त्यागने को कहते है। पर वह नहीं मानते है, और उनका अहंकार बढ़ जाता है। महर्षि नारद के श्राप से भगवान विष्णु को त्रेता युग में मनुष्य रुप में जन्म लेना पड़ा था। शिव के दो गण जिन्होंने महर्षि नारद का मजाक उड़ाया था उन्हें रावण एवं कुंभकरण के रुप में जन्म लिया। और भगवान राम के हाथों से उनको मुक्ति मिली। इस अवसर पर मंदर समिति के मुख्य कार्याधिकारी बीडी ¨सह, प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल, केदारनाथ के मुख्य पुजारी टी गंगाधर ¨लग, प्रभारी धर्माधिकारी ओंकार शुक्ला, लोकेन्द्र रिवाड़ी, प्रबंधक अरविन्द शुक्ला, प्रदीप सेमवाल, चौकी इंचार्ज बीसी पाठक समेत बड़ी संख्या में भक्तजन उपस्थित थे।