हर रोज मौत का सफर कर रहे ग्रामीण
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: कालीमठ घाटी के दस गांव पिछले बीस दिन से जनपद और मुख्य बाजार से कट
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: कालीमठ घाटी के दस गांव पिछले बीस दिन से जनपद और मुख्य बाजार से कटे हुए हैं। इन गांवों को जाने वाले मोटर मार्ग का एक बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो जाने से ग्रामीणों के सामने मुश्किल खड़ी हो गई है। ग्रामीण जैसे-तैसे जरुरी सामान की आपूर्ति जान हथेली पर रखकर कर रहे हैं। जिस स्थान पर मोटर मार्ग क्षतिग्रस्त है, वहां पर विभाग ने शनिवार शाम को अस्थाई रूप से मार्ग तो खोला है, लेकिन मार्ग काफी खतरनाक होने के कारण वाहन स्वामी वाहन ले जाने से कतरा रहे हैं।
गुप्तकाशी से लगभग सात किमी आगे कालीमठ-कोटमा मोटर मार्ग पर भैरवघाटी के निकट से लगभग बीस दिन पूर्व यातायात बाधित हुआ था, यहां पर मोटर मार्ग का एक बड़ा हिस्सा भूस्खलन की चपेट में आने से क्षतिग्रस्त हो गया। मोटर मार्ग के ठीक ऊपर से बह रहे गदेरे के कारण मार्ग को क्षति पहुंची, जिससे इस क्षेत्र से जुड़े दस गांव का यातायात संपर्क पूरी तरह कटा हुआ था। जिस स्थान पर मोटर मार्ग अवरुद्ध हुआ, वहां पूर्व में लोहे के गाडर व लकड़ी की बल्लियां लगाकर अस्थाई जुगाड़ किया गया था। महिलाएं, बच्चे जान हथेली पर रखकर पैदल ही आवाजाही कर रहे हैं। स्थिति इतनी खतरनाक है कि कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। हालांकि प्रशासन ने भी सुरक्षा के लिए यहां पर दो होमगार्ड एवं एक पीआरडी के जवान को तैनात किया है।
मोटर मार्ग अवरुद्ध होने से कालीमठ घाटी के चिलोंड, चौमासी, कालीमठ, कविल्ठा, कोटला, जालमल्ला, जालतल्ला समेत दस गांवों के लोग प्रभावित हो रहे हैं। कालीमठ ग्राम पंचायत की प्रधान गीता देवी ने कहा मोटर मार्ग अवरुद्ध होने से पूरे क्षेत्र में ग्रामीण काफी परेशान हैं। जरूरी सामान जैसे-तैसे पीठ पर लादकर ले जा रहे हैं। कविल्ठा की प्रधान बचन देवी ने भी लोक निर्माण विभाग से शीघ्र मोटर मार्ग खोलने की मांग की है, कहा कि क्षेत्र में जनजीवन पूरी तरह प्रभावित है। महिलाएं, बच्चे बूढ़े जैसे-तैसे गुप्तकाशी व जिला मुख्यालय पहुंच कर जरूरी सामान ला रहे हैं। भैरवघाटी में यातायात सुचारू किया जाए। वहीं, लोनिवि ऊखीमठ के अधिशासी अभियंता मनोज दास का कहना है कि मार्ग को शनिवार शाम खोला गया है और मार्ग को ठीक करने का प्रयास किया जा रहा है।