रामलीला में सूर्पणखा के पात्र ने बटोरी खूब तालियां
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग : श्री शक्ति संस्कृति एवं सांस्कृतिक ट्रस्ट के तत्वावधान में नए बस स्टेशन
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग : श्री शक्ति संस्कृति एवं सांस्कृतिक ट्रस्ट के तत्वावधान में नए बस स्टेशन में चल रही रामलीला के छठवें दिन सूर्पणखा लीला का मंचन किया गया, जिसमें सूर्पणखा के पात्र के अच्छे अभिनय पर पूरा प्रांगण दर्शकों तालियों से गूंजता रहा। लक्ष्मण ने सूर्पणखा की नाक काटने के बाद सीता हरण का मंचन किया गया।
पांच नवंबर से नगर रुद्रप्रयाग के नए बस अडडे में चली रही रामलीला के छठवें दिन पंचवटी में घूम रही सूर्पणखा की मुलाकात राम व लक्ष्मण से होती है। श्रीराम को देख सूर्पणखा मोहित हो जाती है। वह सुंदर स्त्री का रुप रखकर राम के सम्मुख विवाह का प्रस्ताव रखती है। राम समझाते हुए उसे यह समझाते है कि वह पहले से विवाहित है। वह चाहे तो उनके भाई लक्ष्मण से पास भेजते है। उधर लक्ष्मण भी सूर्पणखा से विवाह करने से साफ इंकार कर देते है। इससे नाराज सूर्पणखा सीता पर हमला करने के लिए झपट पड़ती है। सीता तक पहुंचने से पहले राम का इशारा पाकर लक्ष्मण सूर्पणखा की नाक काट देते है। इस दौरान हास्य कलाकार नवीन सेमवाल ने दर्शकों को खूब गुदगुदाया। बाद में कटी हुई नाक लेकर सूर्पणखा अपने भाई खर व दूषण के पास जाकर अपनी व्यथा सुनाते हुए कहती है कि उनके राज्य में उनकी ही बहन की नाक कट जाती है। ऐसे में उन्हें डूब मरना चाहिए। जिससे क्रोधित खर-दूषण अपनी सेना लेकर राम व लक्ष्मण से युद्ध करते हैं। जिसमें दोनों राक्षस मार दिए जाते हैं। सूर्पणखा के अच्छे अभिनय ने पांडाल दर्शकों की तालियों से गूंजता रहा। इस अवसर पर ट्रस्ट के संयोजक एसएन सेमवाल, अध्यक्ष विजय कप्रवाण, चंद्रमोहन सेमवाल, हरि ¨सह, रमेश भट, सतीश नौटियाल, समेत भारी संख्या में दर्शक मौजूद थे।