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क्वारंटाइन सेंटर में घुसा बारिश का पानी, मची अफरा तफरी

जखोली ब्लाक के एक क्वारंटाइन सेंटर में बरसात का पानी घुस गया जिससे अफरा तफरी मच गई।

By JagranEdited By: Published: Sun, 07 Jun 2020 03:00 AM (IST)Updated: Sun, 07 Jun 2020 06:19 AM (IST)
क्वारंटाइन सेंटर में घुसा बारिश का पानी, मची अफरा तफरी
क्वारंटाइन सेंटर में घुसा बारिश का पानी, मची अफरा तफरी

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: जखोली ब्लाक के एक क्वारंटाइन सेंटर में बरसात का पानी घुस गया, जिससे यहां रह रहे प्रवासी रात भर डर के कारण नहीं सो पाए। वहीं जिले में 22 क्वारंटाइन सेंटर ऐसे हैं जहां के भवन जर्जर हैं, इन सभी सेंटरों में रह रहे प्रवासी जान जोखिम में डालकर जैसे तैसे रात काटने को मजबूर हैं।

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जखोली विकास खंड की ग्राम सभा मुसाडुंग के राजकीय प्राथमिक विद्यालय में गत चार जून की रात्रि भारी बारिश हो गई, जिससे यहां अफरा-तफरी मच गई। यहां रह रहे प्रवासी रात भर डर के कारण सो नहीं पाए। सभी ने सुबह होने का इंतजार किया। इसकी शिकायत प्रशासन तक पहुंची। इसके बाद ग्राम पंचायत प्रभारी प्रकाश बडवाल ने इस क्वारंटाइन सेंटर का निरीक्षण किया तथा अस्थाई रूप से यहां पर पानी रोकने के लिए व्यवस्थाएं कराई गई। इस सेंटर में प्रवासी पवन सिंह, सच्जन सिंह अरूण सिंह समेत 12 प्रवासी क्वारंटाइन में रह रहे हैं। यहां रह रहे प्रवासी सच्जन सिंह ने कहा कि बारिश होने पर दोपहर को भी काफी डर लग रहा है। जिस दिन रात्रि पानी स्कूल में घुसा पूरी रात सोए नहीं, पानी कमरों में घुस गया।

वहीं ग्राम पंचायत प्रभारी प्रकाश बड़वाल, ग्राम प्रधान सुन्दरी देवी, निगरानी समिति के सदस्य दर्मियान सिंह चौहान, पंकज सिंह, राजबीर सिंह चौहान राजेन्द्र सिंह समेत सभी सदस्यों ने डीएम को पत्र भेजकर बताया कि इस समस्या का समाधान हो चुका है। तथा अस्थाई रूप से जिस स्थान से पानी आ रहा था वहां पर तिरपाल लगा दिया गया है।

वहीं जिले में 22 प्राथमिक विद्यालय ऐसे हैं जिनकी स्थिति काफी जर्जर है, वर्तमान में प्राथमिक विद्यालयों को क्वारंटाइन सेंटर बनाया है। इससे यहां रह रहे प्रवासी जान जोखिम में डालकर रह रहे हैं। यहां बारिश होने पर दुर्घटना का खतरा बना रहता है। वहीं उपजिलाधिकारी रुद्रप्रयाग एनएस नगन्याल का कहना है कि सभी क्वारंटाइन सेंटरों पर प्रशासन पूरी नजर बनाए हुए हैं, प्रवासियों को सुरक्षित रखने का प्रयास किया जा रहा है, जो विद्यालय जर्जर हैं वहां दूसरे विद्यालयों में प्रवासियों को रखा जा रहा है।


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