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मौसम की बेरुखी से केदारनाथ में निर्माण कार्यों पर अवरोध

मौसम की बेरुखी ने नई केदारपुरी के निर्माण में अवरोध उत्पन्न कर दिया। पीएम नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यो को अप्रैल तक पूरा किया जाना था।

By Edited By: Published: Mon, 04 Mar 2019 03:00 AM (IST)Updated: Mon, 04 Mar 2019 09:56 AM (IST)
मौसम की बेरुखी से केदारनाथ में निर्माण कार्यों पर अवरोध
मौसम की बेरुखी से केदारनाथ में निर्माण कार्यों पर अवरोध

रुद्रप्रयाग, बृजेश भट्ट। मौसम की बेरुखी ने नई केदारपुरी के निर्माण में अवरोध उत्पन्न कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यो को अप्रैल तक पूरा किया जाना था, लेकिन धाम में भारी बर्फबारी के बाद इनमें विलंब होना तय है। रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि बर्फबारी से पुनर्निर्माण कार्यो में रुकावट आई है, लेकिन प्रयास है कि कार्य तय समय पर ही पूरे हों। हालांकि, सबकुछ मौसम के रूख पर निर्भर करेगा। 

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दरअसल, वर्ष 2015 के बाद यह पहला मौका है, जब केदारनाथ धाम में इतनी अधिक बर्फबारी देखने को मिली है। बीते एक माह से पुनर्निर्माण कार्य पूरी तरह से बंद हैं। संवेदनशील मौसम को देखते हुए श्रमिकों को वापस बुला लिया गया है।

पुनर्निर्माण कार्यो से जुड़ी वुड स्टोन कंस्ट्रक्शन कंपनी के केदारनाथ प्रभारी मनोज सेमवाल ने बताया कि धाम में नौ से दस फीट बर्फ जमा है। पैदल रास्ते और पुल पूरी तरह से बर्फ से पट चुका है। बर्फ मकानों की ऊंचाई तक पहुंच चुकी है। वह बताते हैं कि अभी यह भी पता नहीं है कि भारी हिमपात से कार्यो को कितना नुकसान पहुंचा है। यह आकलन बर्फ साफ करने के बाद ही होगा। 

वह कहते हैं कि मौसम कब तक ऐसा रहेगा कहा नहीं जा सकता। इसके बाद बर्फ साफ करना भी एक बड़ी चुनौती होगी। एक माह से धाम पूरी तरह से अंधेरे में है। बिजली की तारें क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं, संचार सुविधा भी भंग है। 

उन्होंने बताया कि ऐसे में तय अवधि तक निर्माण कार्यो को पूरा करना खासा मुश्किल है। यदि सबकुछ ठीक-ठाक रहा और नुकसान कम होता है तो प्रोजेक्ट मई अथवा जून तक पूरे हो पाएंगे। 

ये हैं प्रोजेक्ट 

शंकराचार्य समाधि स्थल: खुदाई कार्य मार्च तक होना था पूरा, लेकिन अभी 40 फीसद काम शेष। 

आस्था पथ: पथ पर पत्थर लगाने का कार्य अप्रैल तक किया जाना था। 90 फीसद काम पूर्ण। 

तीर्थ पुरोहितों के कक्ष : कुल 74 कक्षों का होना है निर्माण। पहले चरण में अप्रैल तक 28 कक्ष बनने थे, लेकिन 23 ही बने। इनमें भी काम बाकी। 

सरस्वती नदी पर घाट का निर्माण: अप्रैल तक होना था पूरा। अभी 20 फीसद काम बाकी है। 

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