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भावुक कर गया देव निशानों की विदाई का पल

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: भरदार क्षेत्र के तरवाड़ी गांव में चल रहे पांडव नृत्य का फल वितरण

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 Dec 2018 05:30 PM (IST)Updated: Wed, 05 Dec 2018 05:30 PM (IST)
भावुक कर गया देव निशानों की विदाई का पल
भावुक कर गया देव निशानों की विदाई का पल

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: भरदार क्षेत्र के तरवाड़ी गांव में चल रहे पांडव नृत्य का फल वितरण के साथ समापन हो गया। पांडवों ने अस्त्र-शस्त्रों के साथ नृत्य करने के बाद भगवान नारायण के फेंके गए फलों को भक्तों ने प्रसाद के रूप में ग्रहण किया। अंत में पांडवों व देव निशानों के अपने ससुराल स्वीली जाने की विदाई का पल सभी को भावुक कर गया। ग्रामीण बड़ी संख्या में देव निशानों को स्वीली गांव तक छोड़ने भी गए। अंतिम दिन दूरदराज क्षेत्रों के साथ बड़ी संख्या में यहां भक्तजन पहुंचे हुए थे।

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बीती 19 नवंबर से ग्राम पंचायत दरमोला के तरवाड़ी में शुरू हुए पांडव नृत्य का बुधवार को विधिवत समापन हो गया। भगवान बद्रीविशाल एवं शंकरनाथ की विशेष पूजा-अर्चना के बाद भोग लगाया गया। पुजारी ने पांडवों के अस्त्र-शस्त्रों की भी विशेष पूजा-अर्चना की गई। पहले तो ढोल दमाऊं की थाप पर पांडवों के साथ ही स्थानीय लोगों ने भी खूब नृत्य किया। बाद में बाण आने पर पांडवों ने ही अस्त्र-शस्त्रों के साथ नृत्य किया। पांडव नृत्य ने लोगों को खूब आनंदित भी किया। भगवान नारायण के पश्वा समेत सभी पांडवों ने अंत में भक्तों के बीच फल फेंके, जिसे भक्तों ने उन्हें प्रसाद के रूप में ग्रहण किया। मान्यता है कि जो भक्त इस फल को पकड़ता है, उसे मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।

इससे पूर्व मंगलवार रात्रि को रातभर अस्त्र-शस्त्रों के साथ पांडव नृत्य चला, जिसमें गैंडे का कौथिग आकर्षण का केंद्र बना रहा। गैंडे के मरने के बाद पांडवों ने जौ की फसल बोने के साथ ही उसे काटने का पूरा सजीव चित्रण किया। फसल कटने के बाद उसका एक हिस्सा बदरीनाथ भगवान को चढ़ाया गया तथा अन्य हिस्से को भक्तों में प्रसाद के रूप में वितरण किया गया। इस दौरान पांडवों ने केदारनाथ यात्रा पर जाने का मंचन भी किया। बुधवार को पांडवों एवं देवी-देवताओं के निशान ससुराल स्वीली गांव के लिए विदाई का दृश्य सभी भक्तों को भावुक कर गया। इस दौरान भक्तों के जयकारों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। पांडव नृत्य देखने के लिए दरमोला, डुंग्री, स्वीली, सेम, जवाड़ी, रौठिया, मेदनपुर से बड़ी संख्या में भक्तजन उपस्थित थे। इस अवसर पर पुजारी कीर्ति प्रसाद डिमरी, पांडव लीला कमेटी के अध्यक्ष भोपाल ¨सह, जसपाल ¨सह पंवार, नत्था ¨सह पंवार, क्षेत्र पंचायत सदस्य गुड्डी देवी, प्रधान किरन रावत, किशन रावत, रविंद्र रावत, कर्ण रावत, नरेंद्र पंवार, हुकम ¨सह, शूरवीर ¨सह, विजय ¨सह आदि मौजूद थे।


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