बेंजी में लिखा जाएगा नागपुर के 72 गांवों का इतिहास
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: ब्रह्मलीन स्वामी माधवाश्रम महाराज के पैतृक गांव बेंजी (रुद्रप्रयाग) में बन
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: ब्रह्मलीन स्वामी माधवाश्रम महाराज के पैतृक गांव बेंजी (रुद्रप्रयाग) में बन रहे संग्रहालय में उनसे जुड़ी वस्तुओं के साथ ही नागपुर क्षेत्र के 72 गांवों का इतिहास लिखा जाएगा। यह पहल पलायन के चलते लगभग खाली हो चुके बेंजी गांव को दोबारा आबाद करने में भी सहायक सिद्ध होगी। स्वामी माधवाश्रम संग्रहालय को क्षेत्र के लोगों के सहयोग से पूरी तरह पहाड़ी शैली में तैयार किया जा रहा है।
रुद्रप्रयाग जिले के अगस्त्यमुनि विकासखंड का बेंजी गांव पलायन के चलते लगभग खाली हो चुका है। पूर्व में यहां 250 परिवार निवास करते थे, लेकिन अब उनकी संख्या मात्र 36 रह गई है। इसी को देखते हुए ग्रामीणों ने गांव को फिर से संवारने की पहल की है। ग्रामीणों ने स्वामी माधवाश्रम की दिव्य स्मृति में बेंजी गांव में माधवाश्रम स्मृति भवन एवं संग्रहालय का निर्माण शुरू किया है। इसकी पहली मंजिल (तिबारी) नाकोट गांव के पदान (अग्रणी व्यक्ति) राजेंद्र ¨सह नेगी और दूसरी बेंजी गांव के नीलकंठ बेंजवाल, गगन बेंजवाल व कैलाश बेंजवाल के सहयोग से तैयार की जा रही है।
स्मृति भवन का निर्माण पूर्ण होने के बाद चौक (आंगन) में पठाली (पहाड़ी शैली के पत्थर) लगाई जाएंगी। संग्रहालय के साथ चार भवनों के निर्माण में लगभग बीस लाख की लागत आएगी। इसके लिए रुद्रप्रयाग विधायक भरत ¨सह चौधरी ने आठ लाख रुपये दिए हैं। जबकि बाकी बजट ग्रामीण अपने स्तर से जुटा रहे हैं। संग्रहालय में स्वामी मधवाश्रम के जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण चित्र व वस्तुओं के साथ दुर्लभ पांडुलिपि व चरण पादुकाएं रखी जाएंगी। इसके अलावा नागपुर क्षेत्र के 72 गांवों का इतिहास भी यहां पर संग्रहीत किया जाएगा। एक कमरे में स्वामी माधवाश्रम की मूर्ति एवं उनकी अराध्य मां भगवती की प्रतिमा स्थापित की जाएगी।
बेंजी के सरपंच जगदंबा बेंजवाल, पूर्व प्रधान मनोज बेंजवाल व दीपक बेंजवाल ने बताया कि यहां उत्तराखंड आंदोलन से जुड़ी शंकराचार्य की की स्मृतियों को भी संजोया जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि संग्रहालय का निर्माण होने के बाद बेंजी पर्यटन गांव के रूप में विकसित होगा। यह जिले का पहला गैर सरकारी एवं असहायता प्राप्त संग्रहालय होगा।