पीएम का सुझाव, केदारनाथ मंदिर के पीछे न हो कोई निर्माण
पीएम नरेंद्र मोदी ने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को सुझाव दिया है कि केदारनाथ मंदिर के पीछे कोई निर्माण कार्य ना कराया जाए।
रुद्रप्रयाग, [जेएनएन]: केदारनाथ में पूजा-अर्चना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां चल रहे निर्माण कार्यों का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को सुझाव दिया कि मंदिर के पीछे कोई निर्माण कार्य न कराया जाए। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों को कराते वक्त केदारनाथ की प्राकृतिक छटा और पर्यावरण का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए।
मंदिर के भीतर 25 मिनट बिताने के बाद उन्होंने नंगे पांव परिक्रमा की। इसके बाद वह राज्यपाल केके पाल और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ मंदिर के पृष्ठ भाग में गए और दिव्य शिला के भी दर्शन किए। दरअसल 2013 में आपदा के दिन बहकर आई इसी शिला से टकराकर प्रलयंकारी बाढ़ का पानी मंदिर को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा पाया। इस दौरान उन्होंने केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा लिया।
पीएम की घोषणाओं से तीर्थ पुरोहित गदगद
पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा लेने के बाद नरेंद्र मोदी तीर्थ पुरोहितों के प्रतिनिधिमंडल से भी मिले। तीर्थ पुरोहितों के संगठन केदार सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला ने बताया कि प्रधानमंत्री के संबोधन से साफ है कि केदारनाथ का विकास उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। शुक्ला ने कहा कि मुलाकात के दौरान उन्होंने केदारनाथ को सड़क से जोडऩे का आग्रह किया। तीर्थ पुरोहित श्रीनिवास पोस्ती और दिनेश बगवाड़ी ने कहा कि केदारघाटी विकास प्राधिकरण (केडीए) के गठन को लेकर तीर्थ पुरोहितों की आपत्ति से प्रधानमंत्री को अवगत कराया गया। गौरतलब है कि लंबे समय से तीर्थ पुरोहित केडीए के गठन का विरोध कर रहे हैं। तीर्थ पुरोहितों का तर्क है कि केडीए के गठन से पूर्व उनके पुनर्वास प्रक्रिया पूरी की जाए।
भव्य हो शंकराचार्य की समाधि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आदि गुरु शंकराचार्य की समाधि भव्य बने। इसकी चर्चा उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए तो की ही, इसके अलावा केदारनाथ के रावल भीमाशंकर लिंग और मुख्य पुजारी बागेश लिंग से भी उन्होंने इस बारे में बात की।
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