Move to Jagran APP

बंगाल का नौ सदस्यीय दल फंसा पनपतिया ट्रैक पर, एक की मौत

बंगाल का नौ सदस्यीय ट्रैकर दल पनपतिया ग्लेशियर पर फंसा हुआ है। इस दल में से एक की मौत हो गर्इ है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 13 Jun 2018 03:38 PM (IST)Updated: Thu, 14 Jun 2018 05:18 PM (IST)
बंगाल का नौ सदस्यीय दल फंसा पनपतिया ट्रैक पर, एक की मौत
बंगाल का नौ सदस्यीय दल फंसा पनपतिया ट्रैक पर, एक की मौत

रुद्रप्रयाग, [जेएनएन]: पनपतिया-मदमहेश्वर रूट पर ट्रैकिंग को गए भारतीय रेलवे के ट्रैकर दल के एक सदस्य की मौत हो गई, जबकि अन्य 22 लोग दो दिन तक बीस हजार फीट ऊंचाई  पर स्थित पनपतिया ग्लेशियर में फंसे रहे। बुधवार शाम को आठ पोर्टरों को छोड़ सभी सुरक्षित मदमहेश्वर लौट आए। पोर्टर शव के साथ आशिकी ताल के आसपास रुके हुए हैं। उन्हें रेस्क्यू करने के लिए जिला प्रशासन ने तीन टीमें रवाना कर दी हैं। सभी ट्रैकर पश्चिम बंगाल के निवासी बताए जा रहे हैं। दल के ट्रैकिंग पर जाने की प्रशासन के पास कोई पूर्व सूचना नहीं थी। इधर, जोशीमठ वन प्रभाग के डीएफओ सीएस जोशी ने बताया कि ट्रैकर दल के खिलाफ प्रतिबंधित क्षेत्र में बगैर अनुमति के प्रवेश करने का मुकदमा दर्ज किया गया है।

loksabha election banner

इन सभी ने पांच जून को चमोली जिले के लामबगड़ में खीरी नदी से उन्होंने पनपतिया-मदमहेश्वर के लिए ट्रैकिंग शुरू की। दल में रेलवे में कार्यरत पश्चिम बंगाल के नौ ट्रैकरों के साथ ही 12 पोर्टर और दो गाइड यानि कुल 23 सदस्य हैं। तीन रोज पहले दल पनपतिया में सरियो सरोवर के पास पहुंच गया था, लेकिन मौसम की खराबी की वजह से दल आगे नहीं बढ़ पाया। रुक-रुक कर हो रही बर्फबारी ने उनके लिए मुश्किलें खड़ी कर दीं। इनमें से दो पोर्टर और दो गाइड मंगलवार शाम किसी तरह ऊखीमठ लौट आए, लेकिन बाकी वहीं फंस गए। 

ऊखीमठ पहुंचे इन ट्रैकरों ने दिल्ली रेलवे अधिकारियों से संपर्क करके अपने साथियों के पनपतिया में फंसे होने की सूचना दी। यह भी बताया कि अत्याधिक ठंड की वजह से पनपतिया में उनके एक साथी की मौत हो चुकी है। रेलवे के माध्यम से जिला प्रशासन तक यह जानकारी आई। इस पर तुरत-फुरत तीन टीमें रेस्क्यू के लिए रवाना कर दी गई। इस बीच, बुधवार दोपहर से देर शाम तक पनपतिया में फंसे बाकी छह ट्रैकर और पांच पोर्टर ऊखीमठ लौट आए। मृत ट्रैकर का शव और आठ पोर्टर अभी पनपतिया में ही रुके हुए हैं। बताया गया कि मृत ट्रैकर रेलवे में सीनियर इंजीनियर था और वर्तमान में उनकी दिल्ली में तैनाती थी। 

रुद्रप्रयाग के पुलिस अधीक्षक पीएन मीणा ने बताया कि रेस्क्यू के लिए भेजी गई टीमें ट्रेक पर फंसे पोर्टरों के साथ ही मृतक ट्रैकर के शव को लेकर लौटेंगी। पुलिस और एसडीआरएफ के दलों के दो को दोपहर हेलीकॉप्टर से मदमहेश्वर में ड्रॉप करके रवाना किया गया। जबकि आपदा प्रबंधन की एक टीम स्थानीय युवाओं को साथ लेकर पैदल ट्रैक से मौके लिए रवाना हुई है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि एसडीआरएफ और पुलिस की टीम मदमहेश्वर से आठ किमी आगे पहुंच गई है। 

तीन के पते ही चले मालूम 

सभी पोर्टर पश्चिम बंगाल के निवासी हैं। अभी तक तीन के ही पते तस्दीक हो पाए हैं। इनमें सौमिल नंदी पुत्र भोपाल चंद नंदी निवासी बांसबेरिया कुंड जिला हुबली, उत्पल शाह पुत्र सीपी शाह निवासी नपोति शीतला तला निश्चिंदा जिला हावड़ा और अरुण कुमार दास निवासी रेलवे कालोनी वेल्लूर जिला हावड़ा शामिल हैं। अन्य ट्रैकरों के नाम अनाथ शंभू, सौरव सिन्हा, सैकत मन्ना, संदीप सबुई, सुकुमार,, अनिन्या शाहू बताए गए। पनपतिया में मरे ट्रैकर का नाम अरुण कुमार दास बताया जा रहा है।

यह भी पढ़ें: इस पिकनिक स्पॉट में अचानक बढ़ने लगा नदी का जलस्तर, 25 से ज्यादा पर्यटक फंसे

यह भी पढ़ें: गंगा में फंसे तीन श्रद्धालु, रेस्क्यू कर बचाया

यह भी पढ़ें: चाइंशिल बुग्याल में फंसे पर्यटक को सुरक्षि‍त निकाला 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.