रुद्रप्रयाग, जेएनएन। केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों ने वहां मास्टर प्लान को पौराणिक और धार्मिक मान्यताओं के खिलाफ बताते हुए उसे तुरंत रद करने की मांग उठाई है। इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे पत्र में कहा गया है कि प्रदेश सरकार तीर्थ पुरोहितों और हक-हकूकधारियों पर जबरन उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड और मास्टर प्लान थोप रही है। लिहाजा, वह मास्टर प्लान के लिए अपनी एक इंच भूमि भी नहीं देंगे। जिलाधिकारी के माध्यम से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि प्रदेश सरकार केदारनाथ में स्थानीय निवासियों, हक-हकूकधारियों और तीर्थ पुरोहितों के पुश्तैनी मकानों का अधिग्रहण कर कर वहां अन्य निर्माण कराने का प्रयास कर रही है, जबकि देवस्थानम बोर्ड (पूर्व में बदरी-केदार मंदिर समिति) की मंदिर के पास अपनी कई हेक्टेयर भूमि पहले से ही मौजूद है। कहा कि केदारनाथ में सर्वर प्लाजा का निर्माण कराना तीर्थ परंपरा और सांस्कृतिक संरचना के पूरी तरह खिलाफ है।
देवस्थानम बोर्ड ने चारों धाम समेत 50 से अधिक मंदिरों का अधिग्रहण करने से पूर्व तीर्थ पुरोहितों और हक-हकूकधारियों को विश्वास में लेने की जरूरत तक नहीं समझी। पत्र के अनुसार केदारनाथ को स्मार्ट सिटी की तर्ज पर विकसित करना भी आदि शंकराचार्य की ओर से स्थापित मान्यताओं के विपरीत है। यही नहीं, इस तरह के निर्माण पर्यावरणीय दृष्टि से भी बेहद नुकसानदायी हैं।
लिहाजा, इन निर्माणों के लिए तीर्थ पुरोहित अपनी भूमि और भवन किसी भी कीमत पर नहीं देंगे। कहा कि वर्ष 2013 की आपदा के बाद पुनर्निर्माण कार्यों के लिए वह पहले ही अपनी भूमि दे चुके हैं। लेकिन, इसकी एवज में उन्हें जो भवन दिए गए थे, उनका मालिकाना हक आज तक नहीं मिला। यह पत्र केदारनाथ तीर्थ पुरोहित समाज के महामंत्री कुबेरनाथ पोस्ती, विपिन सेमवाल, पूर्व जिला पंचायत सदस्य केशव तिवारी, गणेश तिवारी, प्रवीण तिवारी, जयप्रकाश तिवारी, सुबोध शुक्ला, तेज प्रकाश तिवारी आदि की ओर से भेजा गया है।
सुरक्षित रहेंगे तीर्थ पुरोहितों के हित
डीएम जिला मुख्यालय में तीर्थ पुरोहितों के साथ हुई बैठक में जिलाधिकारी वंदना सिंह ने कहा कि केदारनाथ में सरकारी अनुबंधों के अनुरूप ही भवनों का निर्माण होगा। धाम में तीर्थ पुरोहितों के लिए 128 भवनों का निर्माण होना है, जिनमें से 41 तैयार हो चुके हैं। शेष का निर्माण भी जल्द कर दिया जाएगा। डीएम ने कहा कि धाम के लिए प्रस्तावित मास्टर प्लान में यात्री और तीर्थ पुरोहितों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
उधर, केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने बताया कि तीर्थ पुरोहितों की लंबित समस्याओं के निस्तारण की मांग को लेकर जल्द एक शिष्टमंडल मुख्यमंत्री से मुलाकात करेगा। तीर्थ पुरोहितों ने भी इस पर सहमति जताई। इस मौके पर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिशासी अभियंता प्रवीण कर्णवाल, तीर्थ पुरोहित भगवती प्रसाद, लक्ष्मी नारायण, किशन अवस्थी, राजकुमार तिवारी आदि मौजूद थे।