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कृषि कानूनों के विरोध में किसान सभा ने मनाया काला दिवस

संवाद सहयोगी रुद्रप्रयाग संवाद सहयोगी रुद्रप्रयाग किसान आंदोलन के समर्थन में बुधवार को अखिल भारतीय किसान सभा एवं सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन के कार्यकत्र्ताओं ने काला दिवस मनाते हुए धरना दिया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 26 May 2021 07:07 PM (IST)Updated: Wed, 26 May 2021 07:07 PM (IST)
कृषि कानूनों के विरोध में किसान सभा ने मनाया काला दिवस
कृषि कानूनों के विरोध में किसान सभा ने मनाया काला दिवस

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: किसान आंदोलन के समर्थन में बुधवार को अखिल भारतीय किसान सभा एवं सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन के कार्यकत्र्ताओं ने काला दिवस मनाते हुए धरना दिया। उन्होंने केंद्र सरकार से तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग की।

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किसान समन्वय संघर्ष समिति कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत है। इसके समर्थन में किसान सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष राजाराम सेमवाल के नेतृत्व में मैखंडा व व्यूंग में किसानों ने केंद्र सरकार का पुतला दहन किया। ऊखीमठ में सीटू के जिला महामंत्री बीरेंद्र गोस्वामी के नेतृत्व में कई मोहल्लों में धरना दिया गया। किसान सभा क्यूंजा मंडल की ओर से चंद्रनगर में किसान सभा के मंडल सचिव जय सिंह नेगी के नेतृत्व में किसानों ने धरना दिया। किसान सभा के कोषाध्यक्ष आषाढ़ सिंह धिरवाण के नेतृत्व में धरना दिया। गुप्तकाशी मंडल के अध्यक्ष सदानंद कोटवाल के नेतृत्व में कविल्ठा में धरना दिया गया। इसके साथ ही त्यूड़ी और नाला में भी कार्यकत्र्ताओं ने काला दिवस मनाते हुए धरना दिया। किसान सभा के कार्यकत्र्ताओं ने कहा कि जब तक सरकार इन कानूनों को निरस्त नहीं करती है, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

कृषि कानून रद करने की मांग को दिया धरना

जागरण संवाददाता, कोटद्वार : कृषि कानूनों के विरोध में चलाए जा रहे आंदोलन के छह माह पूर्ण होने पर बुधवार को कांग्रेस सेवा दल ने धरना दिया।

सेवा दल से जुड़े कार्यकत्र्ताओं ने अपने घरों में रह कर धरना दिया। इस मौके पर सेवादल के नेता जसवीर राणा ने कहा कि देश का अन्नदाता पिछले छह माह से आंदोलनरत है, लेकिन, केंद्र सरकार उन्हे अनदेखा कर बदनाम करने की कोशिश कर रही है। कहा कि यह सिर्फ अन्नदाता का ही नहीं, बल्कि पूरे देश का अपमान है। देश तभी खुशहाल होगा, जब किसान खुशहाल होगा। उन्होंने केंद्र से कृषि कानून वापस लेने की मांग की। धरने में सेवादल अध्यक्ष राकेश शर्मा, बृजेंद्र नेगी, प्रेम सिंह पयाल, वीरेंद्र रावत, विनोद रावत, भारत रावत आदि शामिल रहे।

सरकार किसान संगठनों से शीघ्र करे वार्ता

संवाद सहयोगी, नई टिहरी:

अखिल भारतीय किसान सभा व सेंटर ऑफ ट्रेड यूनियन (सीटू) के आह्वान पर बुधवार को नई टिहरी में भी कार्यकत्र्ताओं ने कृषि कानूनों को निरस्त करने मांग की। कार्यकत्र्ताओं ने 11 सूत्रीय मांगों के समर्थन में घरों में धरना दिया।

अखिल भारतीय किसान सभा के जिला सचिव भगवान सिंह राणा ने कहा कि देश का अन्नदाता पिछले छह माह से लगातार दिल्ली की सीमाओं के पास व गांव स्तर पर भी कृषि कानूनों का विरोध कर रहा है। लेकिन केंद्र सरकार किसानों की लगातार अनदेखी कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसान संगठनों से तत्काल बातचीत करे व उनकी मांगों पर अमल करे। इसके अलावा उन्होंने श्रम कानूनों में संशोधन वापस लेने, सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण पर रोक लगाने, कोरोना महामारी की रोकथाम को निश्शुल्क टीका-इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित करने, मनरेगा में काम के दिनों की संख्या व मजदूरी बढ़ाने की मांग की गई। इस दौरान किसान सभा से जुड़े जगमोहन रांगड़, जोत सिंह नेगी, सुमेर सिंह रावत, गुलाब सिंह कठैत, कृष्णा कठैत, आशा कठैत, माला देवी, राजेश, रतन लाल, दीपक कौशल, सफर सिंह नेगी, सुनीता, सीटू के जिला सचिव चिन्ता मणी थपलियाल, अध्यक्ष बिशाल सिंह राणा, नित्यानंद बहुगुणा शामिल रहे।

किसानों के समर्थन में छात्र संगठन ने मनाया काला दिवस

जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल:

किसान आंदोलन के छह महीने पूरे होने और तीनों कृषि कानूनों के विरोध में ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन ने काला दिवस मनाया।

श्रीनगर के गोला पार्क में संगठन की महासचिव मनीषा के नेतृत्व में सांकेतिक प्रदर्शन किया गया। संगठन की महासचिव मनीषा सेमवाल ने कहा कि छात्र किसान और मजदूरों के परिवार से ही आते हैं। देश का किसान मांगों को लेकर छह महीनों से सड़क पर है तो छात्र चुप कैसे रह सकते हैं। कहा कि किसानों को लेकर केंद्र सरकार के रवैया गैर जिम्मेदाराना है। काले कृषि कानूनों को केंद्र सरकार तुरंत रद करे।


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