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Kedarnath Yatra के मुख्य पड़ाव गौरा माई मंदिर के कपाट पांच लोगों के सामने खुले

गौरीकुंड में गौरा माई मंदिर के कपाट खुलने के साथ केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हो गई। बैशाखी पर्व पर सोमवार को मंदिर के कपाट खोले गए।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Tue, 14 Apr 2020 01:39 PM (IST)Updated: Tue, 14 Apr 2020 01:39 PM (IST)
Kedarnath Yatra के मुख्य पड़ाव गौरा माई मंदिर के कपाट पांच लोगों के सामने खुले
Kedarnath Yatra के मुख्य पड़ाव गौरा माई मंदिर के कपाट पांच लोगों के सामने खुले

रुद्रप्रयाग, जेएनएन। केदारनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव स्थल गौरीकुंड में गौरा माई मंदिर के कपाट खुलने के साथ केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हो गई। बैशाखी पर्व पर सोमवार को मंदिर के कपाट खोले गए। कोरोना संक्रमण के चलते इस मौके पर पुजारी समेत महज पांच लोग मौजूद रहे। उधर, द्वितीय केदार मध्यमेश्वर और तृतीय केदार तुंगनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथियां भी घोषित कर दी गईं। 11 मई को मध्यमेश्वर और 20 मई को तुंगनाथ धाम के कपाट खोले जाएंगे।

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परंपरा के अनुसार गौरा माई मंदिर के कपाट बैशाखी पर्व पर खोले जाते हैं। इसी क्रम में सोमवार सुबह सात बजे गौरा माई की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल गौरी गांव से गौरीकुंड के लिए रवाना हुई। डोली के गौरीकुंड पहुंचने पर मंदिर के मुख्य पुजारी ने विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना शुरू की और ठीक आठ बजे मंदिर के कपाट खोल दिए गए। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के निवर्तमान कार्याधिकारी एनपी जमलोकी ने बताया कि शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करवाने के लिए इस मौके पर प्रशासन और पुलिस की टीम भी मौजूद रही। 

उधर, पंचगद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में द्वितीय केदार मध्यमेश्वर और मक्कूमठ स्थित मार्कंडेय मंदिर में तृतीय केदार तुंगनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथियां निकाली गईं। तय हुआ कि भगवान मध्यमेश्वर की डोली सात मई को गर्भगृह से बाहर आएगी और आठ मई को स्थानीय लोगों की ओर से भगवान को नवान्न का भोग लगाया जाएगा। नौ मई को डोली ओंकारेश्वर मंदिर से प्रस्थान कर राकेश्वरी मंदिर रांसी, दस मई को गौंडार और 11 मई को सुबह मध्यमेश्वर धाम पहुंचेगी। 

इसी दिन सिंह लग्न में मंदिर के कपाट खोले जाएंगे। दूसरी ओर, भगवान तुंगनाथ की डोली 18 मई को मार्कंडेय मंदिर के गर्भगृह से बाहर लाई जाएगी। स्थानीय लोगों की ओर से भगवान को नए अनाज का भोग लगाने के बाद इसी दिन डोली भूतनाथ मंदिर के लिए प्रस्थान करेगी। 19 को डोली चोपता और 20 मई को सुबह तुंगनाथ धाम पहुंचेगी। इसी दिन कर्क लग्न में दोपहर 11.30 बजे मंदिर के कपाट खोले जाएंगे। कोरोना संक्रमण के चलते तिथि निकालने के मौके पर प्रशासन की ओर से चार-चार लोगों को ही मंदिर में मौजूद रहने की अनुमति दी गई थी।

जिलाधिकारी तीर्थपुरोहितों के साथ करेंगे बैठक 

गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खोलने के दौरान पांच से अधिक लोगों को अनुमति देने में प्रशासन भी असमंजस की स्थिति में है। जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने इस संबंध में बैठक बुलाई। बैठक में जिलाधिकारी ने एसडीएम भटवाड़ी और एसडीएम बड़कोट को तीर्थ पुरोहितों के साथ बैठक करने के निर्देश दिए। इसमें कपाट खुलने और डोलियों को धाम तक पहुंचाने के लिए किस तरह से शारीरिक दूरी और धारा 144 का पालन करेंगे, इस पर सुझाव मांगे।

इसके साथ ही जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने कहा कि शासन को भी इस मामले में पत्र लिखा जाएगा। इसके बाद शासन से प्राप्त निर्देशों के अनुसार अनुमति दी जाएगी। इस मौके पर पुलिस अधीक्षक पंकज भट्ट, उप जिलाधिकारी देवेंद्र नेगी, सीएमओ डॉ. डीपी जोशी, जिला युवा कल्याण अधिकारी विजय प्रताप भंडारी, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल आदि मौजूद थे।

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29 अप्रैल को खुलेंगे केदारनाथ धाम के कपाट

कोरोना महामारी के चलते केदारनाथ के कपाट खुलने को लेकर तैयारियां सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देश के अनुसार ही होंगे। इसके लिए डीएम ने तीर्थपुरोहितों को कड़ा संदेश दिया है। 29 अप्रैल को केदारनाथ धाम के कपाट खोले जाने हैं। कपाट खोलने के संबंध में जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने स्पष्ट किया है कि लॉकडाउन अवधि में सरकार के दिशा-निर्देशानुसार ही मंदिर के कपाट खोले जाएंगे। जिलाधिकारी ने सभी तीर्थ पुरोहितों को सूचित किया है कि सरकार के दिशा-निर्देश प्राप्त होते ही इस संबंध में सबको अवगत करा दिया जाएगा। इसमें सबका सहयोग आवश्यक है। 

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उन्होंने कहा कि यह बेहद संवेदनशील समय चल रहा है, इसलिए पूरी सतर्कता के साथ रहें और निर्देशों का पालन करें। जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि भारत सरकार की ओर से कोविड-19 को लेकर आरोग्य सेतु मोबाइल एप्लीकेशन का विकास किया गया है। उन्होंने सभी कार्यालयाध्यक्षों को निर्देशित किया कि वे अपने-अपने विभाग के अंतर्गत समस्त अधीनस्थों को आरोग्य सेतु मोबाइल एप इंस्टाल कराएं और आम लोगों को भी इसके प्रति जागरूक करें।

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