Move to Jagran APP

Kedarnath Yatra: 130 मजदूरों की टीम हटा रही पैदल मार्ग से बर्फ, इसदिन खुलने हैं कपाट

अब केदारनाथ पैदल मार्ग पर महज एक किलोमीटर से बर्फ हटाने का कार्य ही शेष रह गया है। वहीं लिनचोली तक घोड़ों की आवाजाही सुचारू हो गई है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Thu, 16 Apr 2020 02:01 PM (IST)Updated: Thu, 16 Apr 2020 02:01 PM (IST)
Kedarnath Yatra: 130 मजदूरों की टीम हटा रही पैदल मार्ग से बर्फ, इसदिन खुलने हैं कपाट
Kedarnath Yatra: 130 मजदूरों की टीम हटा रही पैदल मार्ग से बर्फ, इसदिन खुलने हैं कपाट

रुद्रप्रयाग, जेएनएन। केदारनाथ मंदिर परिसर के साथ ही धाम के विभिन्न मार्गों से भी बर्फ हटाने का काम तेजी से चल रहा है। वहीं, छानी कैंप से आगे केदारनाथ पैदल मार्ग से बर्फ हटाई जा रही है। अब केदारनाथ पैदल मार्ग पर महज एक किलोमीटर से बर्फ हटाने का कार्य ही शेष रह गया है। वहीं, लिनचोली तक घोड़ों की आवाजाही सुचारू हो गई है।

loksabha election banner

वुड स्टोन कंस्ट्रक्शन कंपनी के 130 मजदूरों की टीम केदारपुरी में बर्फ हटाने के कार्य में जुटी है। यहां मंदिर मार्ग से लेकर मंदिर परिसर में पांच से छह फीट बर्फ जमी हुई है। एक सप्ताह में बर्फ को साफ कर आवाजाही के लिए केदारपुरी में स्थित सभी पैदल मार्ग खोल दिए जाएंगे। साथ ही परिसर को भी पूरी तरह से साफ कर दिया जाएगा। 

पैदल मार्ग पर छानी कैंप से रुद्रा प्वाइंट तक मजदूरों की टीम बर्फ साफ कर रही है। लिनचोली तक घोड़ों की आवाजाही सुचारू हो गई है। मौसम साफ रहा तो आगामी 20 अप्रैल तक केदारनाथ पैदल मार्ग को घोड़े-खच्चरों की आवाजाही के लिए खोल दिया जाएगा। वुड स्टोन कंस्टक्शन कंपनी के केदारनाथ प्रभारी मनोज सेमवाल ने बताया कि केदारनाथ पैदल मार्ग और केदारपुरी में बर्फ हटाने के लिए अलग-अलग टीम कार्य कर रही है।

29 अप्रैल को खुलेंगे केदारनाथ धाम के कपाट 

29 अप्रैल को केदारनाथ धाम के कपाट खोले जाने है। कपाट खुलने के मौके पर रावल की मौजूदगी में ही सभी धार्मिक परंपराओं का निर्वहन होता है। शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से पंचमुखी उत्सव डोली के साथ रावल केदारनाथ पहुंचते हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते इस बार कयास लगाए जा रहे थे कि शायद रावल तय तिथि पर केदारनाथ न पहुंच पाएं।

यह भी पढ़ें: Kedarnath Yatra: 20 अप्रैल को ऊखीमठ पहुंच जाएंगे केदारनाथ धाम के रावल

इस संबंध में 'दैनिक जागरण' से दूरभाष पर हुई बातचीत में रावल भीमा शंकर लिंग ने बताया कि वह 20 अप्रैल को हर हाल में शीतकालीन गद्दीस्थल ऊखीमठ पहुंच जाएंगे। कैसे पहुंचेंगे यह प्रदेश सरकार पर निर्भर है। कहा कि कपाटोद्घाटन के मौके पर और इससे पहले की सभी परंपराओं का विधि-विधान पूर्वक निर्वहन किया जाएगा।

यह भी पढ़ें: Badrinath Yatra Coronavirus Effect: धाम के प्रसाद में भी इस बार दिखेगा कोरोना का असर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.