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Kedarnath Yatra: केदारनाथ हाइवे 12 घंटे रहा बंद, एक हजार से अधिक तीर्थ यात्रियों ने सड़क पर गुजारी रात

Kedarnath Yatra 2022 केदारनाथ हाइवे जगह जगह अवरुद्ध होने के कारण 12 घंटे तक तीर्थ यात्री बांसवाड़ा में फंसे रहे। तीर्थ यात्रियों का आरोप कि हाइवे बंद होने पर समय से मलबा हटाने को मशीनें नहीं पहुंच रही।

By Sunil NegiEdited By: Published: Tue, 16 Aug 2022 09:47 PM (IST)Updated: Tue, 16 Aug 2022 09:47 PM (IST)
Kedarnath Yatra: केदारनाथ हाइवे 12 घंटे रहा बंद, एक हजार से अधिक तीर्थ यात्रियों ने सड़क पर गुजारी रात
kedarnath yatra 2022 : गौरीकुंड हाइवे पर तहसील के पास चटटान टूटने से अवरुद्ध हुआ हाइवे। जागरण

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: Kedarnath yatra 2022 केदारनाथ (गौरीकुंड) हाइवे पर जगह-जगह हो रहा भूस्खलन (Landslide) यात्रा की राह में अवरोध खड़े कर रहा है। बीते 14 अगस्त की शाम बांसवाड़ा के पास भूस्खलन के चलते हाइवे बंद होने से एक हजार से अधिक तीर्थ यात्रियों (Pilgrims) को पूरी रात वाहनों में गुजारनी पड़ी। ठीक 12 घंटे बाद 15 अगस्त को सुबह साढ़े आठ बजे के आसपास हाइवे आवाजाही के लिए खोला जा सका।

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भूस्खलन से हाइवे के जगह-जगह अवरुद्ध

इन दिनों लगातार वर्षा के बावजूद बड़ी संख्या में तीर्थ यात्री केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) पहुंच रहे हैं। लेकिन, भूस्खलन के चलते केदारनाथ हाइवे के जगह-जगह अवरुद्ध होने से यात्रियों को मुश्किलें भी झेलनी पड़ रही हैं।

हाइवे बांसवाड़ा के पास हुआ अवरुद्ध

बीते 14 अगस्त को रात 8:30 बजे के आसपास पहाड़ी से मलबा आने के कारण हाइवे (Kedarnath Highway) बांसवाड़ा के पास अवरुद्ध हो गया। इससे दोनों ओर लगभग 250 वाहन फंस गए, जिनमें केदारनाथ जाने वाले 600 से अधिक और केदारनाथ से लौट रहे 400 से अधिक तीर्थ यात्री सवार थे।

पूरी रात वाहन में ही गुजारनी पड़ी

केदारनाथ (Kedarnath) जा रही एक तीर्थ यात्री सावित्री बागड़ी ने बताया कि हाइवे अवरुद्ध होने के बाद कई घंटों तक मलबा हटाने के लिए मशीनें भी मौके पर नहीं पहुंचीं। ऐसे में उन्हें परिवार समेत पूरी रात वाहन में ही गुजारनी पड़ी।

दोनों ओर लगी वाहनों की लंबी कतार

मंगलवार को भी जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग (Rudraprayag News) से पांच किमी दूर पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा व बोल्डर आने से हाइवे अवरुद्ध हो गया। इससे दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गईं। जब तक मलबा हटाने के लिए मशीनें पहुंचीं, तब तक बड़ी संख्या में दुपहिया वाहन सवार जान जोखिम में डालकर आवाजाही करते रहे।

लगातार मलबा आने से होती दिक्कत

उधर, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एनएस रजवार का कहना है कि हाइवे (kedarnath HighWay) अवरुद्ध होने की सूचना मिलते ही मलबा हटाने का कार्य शुरू कर दिया जाता है। कभी-कभार पहाड़ी से लगातार मलबा आने से दिक्कतें खड़ी होती हैं।

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