केदारनाथ पैदल यात्रा नहीं है आसान, रास्तों पर होती है परीक्षा
केदारनाथ यात्रा शुरू हो चुकी पर रामबाड़ा से केदारनाथ तक पैदल मार्ग की चौड़ाई कम होने से पैदल यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
रुद्रप्रयाग, [जेएनएन]: केदारनाथ यात्रा शुरू हो चुकी पर रामबाड़ा से केदारनाथ तक पैदल मार्ग की चौड़ाई कम होने से पैदल यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस रास्ते पर सुरक्षा रेलिंग भी नहीं लगी है, इससे दुर्घटना की संभावना भी बढ़ गई हैं।
वर्ष 2013 में केदारनाथ आपदा के चलते रामबाड़ा से केदारनाथ तक सात किमी लंबा पैदल मार्ग पूरी तरह बह गया था। तत्कालीन जिला प्रशासन ने मार्ग को दूसरी पहाड़ी से होकर बनाया था। यह पूरा मार्ग नया है।
10 किमी लंबा यह मार्ग रामबाड़ा से लिनचोली होता हुआ छानी कैंप से केदारनाथ पहुंचता है। गौरीकुंड से रामबाड़ा तक पैदल मार्ग की चौड़ाई ठीक है। इससे यहां पर यात्रियों की भीड़ होने के बावजूद ज्यादा दिक्कत नहीं होती और घोड़े-खच्चर भी आसानी से आवाजाही करते हैं।
वहीं नए मार्ग पर रामबाड़ा से केदारनाथ तक की चौड़ाई औसतन दो से ढ़ाई मीटर है। चौड़ाई कम होने के साथ ही इस मार्ग पर सुरक्षा रेलिंग भी नहीं लगी है। इससे आवाजाही में यात्रियों व घोड़े खच्चरों को खासी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं।
कई स्थानों पर तो इस मार्ग की चौड़ाई दो मीटर से भी कम है और नीचे सीधे खाई है। इससे आवाजाही करना काफी मुश्किल हो रहा है।
पैदल मार्ग पर केदारनाथ आने व जाने वाले यात्री बड़ी संख्या में आ रहे हैं, वहीं घोड़े भी आते जाते हैं।
लगभग दो हजार घोड़े, खच्चर का रजिस्ट्रेशन हो चुका है। इसमें से अधिकांश दिन में दो बार आवाजाही करते हैं। इतनी भारी संख्या में आवाजाही होने से कम चौड़ाई वाले इस पैदल मार्ग पर घोड़े की टक्कर से पैदल यात्रियों के चोटिल होने का खतरा बढ़ जाता है।
पूर्व में भी इस तरह की घटनाएं लगातार प्रकाश में आती रही हैं, यहां तक कि कई यात्रियों की पैदल मार्ग से खाई में गिरने से मौत भी होती रही हैं।
रुद्रप्रयाग की जिलाधिकारी रंजना के मुताबिक पैदल मार्ग पर आवाजाही सुचारु व व्यवस्थित संचालन के लिए अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए गए हैं, यात्रियों को किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
यह भी पढ़ें: तय समय सारणी के अनुरूप करें केदारनाथ पैदल यात्रा, जानिए
यह भी पढ़ें: तृतीय केदार बाबा तुंगनाथ के कपाट पूजा-अर्चना के बाद खुले
यह भी पढ़ें: फिलहाल केदारनाथ के लिए उड़ान नहीं भरेंगे हेलीकॉप्टर