शीतकाल के लिए आज बंद होंगे गौरा माई मंदिर के कपाट
संवाद सूत्र फाटा गौरीकुंड में स्थित मां गौरा माई के कपाट वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ मंग
संवाद सूत्र, फाटा : गौरीकुंड में स्थित मां गौरा माई के कपाट वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ मंगलवार को शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। अब शीतकाल के छह माह तक मां की पूजा-अर्चना गौरी गांव के चंडिका मंदिर में होगी। इसके लिए बद्री-केदार मंदिर समिति की ओर से तैयारियां पूरी कर ली गई है।
प्रतिवर्ष गौरा माई के कपाट बैशाखी पर्व पर खुलते है, जबकि भैयादूज पर्व पर बंद होते हैं। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। इस बार 29 अक्टूबर यानी मंगलवार को ठीक आठ बजे वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ मां गौरा माई के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। मां की डोली मंदिर की एक परिक्रमा करने के बाद गौरी गांव के लिए रवाना होगी।
मान्यता है कि कैलाश से भगवान शिव की उत्सव डोली गौरीकुंड पहुंचने से पहले गौरा माई की डोली मंदिर के गृभ गृह से बाहर निकालकर अपने शीतकालीन गद्दीस्थल को रवाना कर दी जाती है। जिससे कि बाबा केदार व गौरा माई का मिलन नहीं हो पाता है। यहां पर भगवान शिव के द्वारा पार्वती के अंग निर्मित पुत्र गणेश से युद्ध कर उनका सिर काटने से गौरा माई नाराज हुई थी। जिससे उनका मिलन शिव से नहीं हो पाता है।