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Kedarnath Dham के सामने चबूतरे पर लगेगा 50 टन भारी ऊँ, जर्मनी से मंगाई पीतल-तांबे की धातु से हुआ निर्माण

Kedarnath Dham केदारनाथ मंदिर गर्भगृह में सोने की परत चढ़ाए जाने मंदिर के अंदर कलश व छत्र सोने का लगने के बाद अब धाम में पचास टन भारी ऊँ का निशान लगाया जाएगा। पचास टन भारी यह निशान टैक्टर के माध्मय से केदारनाथ धाम पहुंचाया गया। Pic Istock

By Brijesh bhattEdited By: Nirmala BohraPublished: Tue, 16 May 2023 09:02 AM (IST)Updated: Tue, 16 May 2023 09:02 AM (IST)
Kedarnath Dham के सामने चबूतरे पर लगेगा 50 टन भारी ऊँ, जर्मनी से मंगाई पीतल-तांबे की धातु से हुआ निर्माण
Kedarnath Dham: केदारनाथ मंदिर में चबूतरे के पास पचास टन का ऊँ का निशान लगाया जाएगा।

संवाद सहयोगी, रुदप्रयाग: Kedarnath Dham: केदारनाथ मंदिर में चबूतरे के पास पचास टन का 'ऊँ' का निशान लगाया जाएगा। इसका ट्रायल सोमवार को किया गया। लगभग दो सप्ताह में पूरी तरह फिट कर दिया जाएगा।

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केदारनाथ मंदिर गर्भगृह में सोने की परत चढ़ाए जाने, मंदिर के अंदर कलश व छत्र सोने का लगने के बाद अब धाम में पचास टन भारी ऊँ का निशान लगाया जाएगा, इसके लिए कार्य शुरू हो गया है।

एक दर्जन से अधिक टुकड़ों को जोड़कर बनाया

पचास टन भारी यह निशान टैक्टर के माध्मय से केदारनाथ धाम पहुंचाया गया। इसको एक दर्जन से अधिक टुकड़ों को जोड़कर बनाया गया है। लोक निर्माण विभाग ने सोमवार को इसका ट्रायल किया गया। यह केदारनाथ मंदिर से 200 मीटर दूरी पर चबूतरे में लगाया जाएगा।

बताया जा रहा है कि इसे ताबा व पीतल मिलकार बनाया गया है, वह जर्मनी से मंगवाया गया है। ऊँ का यह निशान भक्तों को आकर्षित करेगा। अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग जितेन्द्र झिंकवाण ने बताया कि ऊँ के निशान को लगाने के लिए ट्रायल लिया गया है। जो सफल रहा, अब लगभग दो से तीन सप्ताह में यह निशान लगा दिया जाएगा। यहा काफी आकर्षक है।

आपदा के नौ वर्ष बाद गुरू ईशानेश्वर को मिलेगा अपना आशियाना

केदारनाथ आपदा के नौ वर्ष बाद भगवान के शिव आराध्य गुरू ईशानेश्वर को अपना आशियाना मिल सकेगा, अंतिम दौर का कार्य चल रहा है, और इसी महीने कार्य पूरा होने की उम्मीद है। आपदा के बाद से भगवान की मूर्तियों की खुले आसमान के नीचे ही पूजा अर्चना हो रही है।

बाबा केदार की पूजा-अर्चना व भोग से पहले ईशानेश्वर महादेव की अराधना कर भोग लगाने की परम्परा है। सुख-समृद्धि और वैभव का प्रतीक भी माना जाता है। केदारनाथ धाम में स्थित ईशानेश्वर मंदिर प्राचीन मंदिर है। विश्व प्रसिद्ध धाम केदारनाथ धाम का मंदिर का निर्माण पाण्डवों ने किया था।

आठवीं शताब्दी में आदि गुरू शंकराचार्य ने केदारनाथ मंदिर का पुर्ननिर्माण एवं जीर्णोद्धार किया था, लेकिन केदारनाथ मंदिर के ईशानकोण में केदारनाथ के गुरू ईशानेश्वर महादेव का मंदिर केदारनाथ मंदिर से पूर्व निर्मित हुआ था।

माना जाता है कि जैसे किसी भी घर की बुनियाद रखने से पहले ईशान दिशा में वास्तु पूजन की जाती है, वैसे ही केदारनाथ मंदिर निर्माण से पूर्व ईशान कोण में ईशानेश्वर महादेव का मंदिर निर्मित किया गया था। आज भी परम्पराओं के अनुसार हर दिन केदारनाथ मंदिर की पूजा अर्चना से पूर्व ईशानेश्वर महादेव में पूजा की जाती है, लेकिन वर्ष 2013 की जल प्रलयकारी आपदा में यह मंदिर मलबे की भेंट चढ़कर ध्वस्त हो गया था।

मंदिर का निर्माण अंतिम दौर में है। इसी महीने कार्य पूरा कर लिया जाएगा, पत्थरों का तराशा जा रहा है। लगभग एक करोड़ की लागत से निर्माण हो रहा है।

- जितेन्द्र झिंकवाण, अधिशासी अभियंता, आपदा प्रबंधन प्राधिकरण केदारनाथ-लोनिवि,


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