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दहकते अंगारों पर नृत्यकर जाखराजा ने दिया भक्‍तों को आशीर्वाद

गुप्‍तकाशी में शनिवार को जाख देवता के पश्वा ने ढोल सागर के साथ दहकते अंगारों में प्रवेश किया। जाखराजा ने दहकते अंगारों में नृत्य कर भक्तों को अपना आशीर्वाद दिया।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 16 Apr 2018 01:29 PM (IST)Updated: Tue, 17 Apr 2018 05:03 PM (IST)
दहकते अंगारों पर नृत्यकर जाखराजा ने दिया भक्‍तों को आशीर्वाद
दहकते अंगारों पर नृत्यकर जाखराजा ने दिया भक्‍तों को आशीर्वाद

गुप्तकाशी, रुद्रप्रयाग [जेएनएन]: जाखधार में लगने वाला दो दिवसीय जाख मेले में शनिवार को जाख देवता के पश्वा ने ढोल सागर के साथ दहकते अंगारों में प्रवेश किया। जाखराजा ने दहकते अंगारों में नृत्य कर भक्तों को अपना आशीर्वाद दिया। 

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जाख मेला समिति के तत्वावधान में चलने वाला जाख मेला क्षेत्र के कोठेडा, नारायणकोटी व देवशाल समेत क्षेत्र के 14 गांवों की आस्था से जुड़ा है। शनिवार रात्रि को जाख मेले में जाखधार में कोठेडा व नारायणकोटी के भक्तों की ओर से एकत्रित लगभग 80 कुंतल लकड़ियों अग्निकुंड में सजाया गया। इसके बाद रात्रि को मंदिर के मुख्य पुजारी ने क्षेत्र के चारों दिशाओं की पूजा अर्चना कर अग्निकुंड में अग्नि प्रज्वलित की। इसके बाद नारायणकोटी, कोठेडा, देवशाल की ओर से तैयार सामूहिक भोज किया गया।

मंदिर में पुजारी ने रात्रिभर चार पहर की पूजा अर्चना के साथ ही भक्तों की ओर से जागरण कर कीर्तन भजनों का आयोजन किया। साथ ही जाखराजा के लिए अंगारे तैयार किए गए। रविवार को कोठेडा से जाख देवता के पश्व, देवता के नेजा निशान को गाजे-बाजों के साथ जाखधार मंदिर लाया गया। जहां उपस्थित भक्तों के जयकारों से क्षेत्र का पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। पहले जाखराजा ने मंदिर में अपने निश्चित स्थान पहुंचे। जहां कुछ देर विश्राम करने के उपरान्त गंगाजल से स्नान किया।

 इसके बाद नर रूप में देवता अवतरित होने पर जाखराजा अग्निकुंड में प्रज्वलित अंगारों में प्रवेश किया। दहकते अंगारों में काफी देर तक नृत्य कर वहीं से भक्तों से आशीर्वाद भी दिया। इस अलौकिक शक्ति के दर्शन कर यहां उपस्थित भक्तों की आंखे आंसुओं से नम हो गई। मेला देखने के लिए गुप्तकाशी, ल्वारा, लमगौडी, नारायणकोटी, नाला, देवली भणिग्राम, रुद्रपुर, कालीमठ घाटी के विभिन्न के साथ ही जिले के दूर दराज क्षेत्रों से बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ी हुई थी। 

मेला संपन्न होने के बाद भक्तों ने अंगारों से तैयार हुई राख को प्रसाद के रूप में अपने घरों को ले गए। इस अवसर पर हर्षबर्धन देवशाली, स्वयंवर दत्त, आत्माराम बहुगुणा, उत्तम प्रकाश भटट, विनोद देवशाली, मदन मोहन अग्रवाल, राय सिंह राणा, ममता नौटियाल, वीरेन्द्र असवाल, कमल रावत समेत बड़ी संख्या में भक्त उपस्थित थे। 

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