गौरीकुंड का बीस मीटर हिस्सा भूस्खलन से बहा
संवाद सूत्र, फाटा : क्षेत्र में हो रही लगातार मूसलाधार बारिश के कारण फाटा के पास चंडिक
संवाद सूत्र, फाटा : क्षेत्र में हो रही लगातार मूसलाधार बारिश के कारण फाटा के पास चंडिकाधार में गौरीकुंड का बीस मीटर हिस्सा पूरी तरह भूस्खलन की चपेट में आ गया है। वहीं राष्ट्रीय राजमार्ग गुरुवार को भी कई स्थानों पर मलबा व पत्थर आने की वजह से अवरुद्ध व मार्ग खुलने का सिलसिला जारी रहा।
गुरुवार को सुबह हुई तेज बारिश के बाद रुद्रप्रयाग से लगभग 62 किमी दूर फाटा के पास चंडिकाधार में हाईवे का 20 मीटर हिस्सा बह गया। जिससे यहां पर नेशनल हाईवे को खोलने का प्रयास किया जा रहा है। जेसीबी व पॉकलैंड मशीन से पहाड़ी काटकर रास्ता तैयार किया जा रहा है। वहीं गौरीकुंड हाईवे पर ही फाटा से पहले ग्राम खाट के पास डोलिया देवी मंदिर में भी सुबह मलबे से बंद हो गया था। जिसे करीब दस बजे यातायात के लिए खोला गया। तरसाली व शेरसी में भी हाईवे पर सुबह मलबा आने से बंद रहा। यहां एनएच ने मलबा हटाकर यातायात शुरू कराया।
वहीं गौरीकुड हाईवे चंडिकाधार में बंद होने से करीब तीन सौ यात्री दोनों ओर फंसे हैं। ऐसे में स्थानीय जनता के साथ छात्रों और बीमार लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच एसडीआरएफ यात्रियों को पैदल इस स्थान पर पार करवा रही है। वहीं स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि इन भूस्खलन वाले स्थानों पर स्लाडिंग जोन बन गया है। आरोप है कि मौसम साफ होने के दौरान कोई कार्य नहीं किया जाता है। ग्रामीण विजय ¨सह, किशोरी सजवाण, जगत ¨सह, विजय जमलोकी, पंचम ¨सह आदि का कहना है कि सरकार कपाट बंद होने के बाद यहां पर कोई कार्य नहीं करती है। कहा कि यात्रा शुरू होने के दौरान ही यहां कार्य किया जाता है। जो बरसात के आने पर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो जाता है। मैंखडा-फाटा पैदल मार्ग को विकल्प के रूप में हाईवे बनाने की मांग रखी। वहीं एनएच के अधिशासी अभियंता जितेंद्र त्रिपाठी का कहना है कि लगातार हो रही बारिश से यह स्थिति पैदा हो रही है। गौरीकुंड हाईवे को यातायात हेतु सुचारू रखने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।