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बांसवाड़ा में 15 घंटे बाद खुला गौरीकुंड हाईवे

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: शुक्रवार को बांसवाड़ा में हुए हादसे से अवरुद्ध गौरीकुंड हाईवे 15

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Dec 2018 07:29 PM (IST)Updated: Sat, 22 Dec 2018 11:17 PM (IST)
बांसवाड़ा में 15 घंटे बाद खुला गौरीकुंड हाईवे
बांसवाड़ा में 15 घंटे बाद खुला गौरीकुंड हाईवे

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: शुक्रवार को बांसवाड़ा में हुए हादसे से अवरुद्ध गौरीकुंड हाईवे 15 घंटे बाद खुल सका। यह हाईवे शनिवार सुबह चार बजे करीब खुल सका। इधर, डीएम मंगेश घिल्डियाल ने कार्यदायी संस्था को 76 किमी लंबे गौरीकुंड हाईवे पर सभी खतरनाक डेंजर जोन से पहाड़ी पर अटके पत्थरों के साथ ही इस हाईवे को दुर्घटना रहित बनाने के निर्देश दिए हैं।

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बांसवाड़ा में गौरीकुंड हाईवे पर शुक्रवार दोपहर साढ़े बारह बजे करीब पहाड़ी दरकने से लाखों टन मलबा आ गया था, जिससे हाईवे अवरुद्ध हो गया था। कार्यदायी संस्था ने 15 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद शनिवार सुबह चार बजे करीब इस हाईवे को यातायात के लिए खोला। मार्ग को खोलने के लिए तीन पोकलैंड मशीने कार्य पर लगाई गई। हाईवे पर यातायात भले ही शुरू हो गया हो, लेकिन अब भी लाखों टन मलबा हटाया जाना बाकी है। मलबे में एक लापता मजदूर को भी खोजा जा रहा है, जिससे सावधानीपूर्वक मलबा हटाया जा रहा है। इस कारण मलबा हटाने में काफी समय लग रहा है। डीएम ने बताया कि एसडीआरएफ व पुलिस लगातार मजदूर की खोजबीन में लगी है। साथ ही यह भी देखा जा रहा है कि हाईवे पर मलबा आते समय कहीं कोई वाहन तो इसकी चपेट में नहीं आया, लेकिन मलबा साफ करने वक्त ऐसा नहीं दिखाई दिया।

इधर, डीएम मंगेश घिल्डियाल ने नेशनल हाईवे लोनिवि के अधिशासी अभियंता व कार्यदायी संस्था आरजीबी कंस्ट्रक्शन कंपनी को रुद्रप्रयाग से गौरीकुंड तक पूरे हाईवे पर जहां-जहां पहाड़ी दरकने की आशंका है, वहां का ट्रीटमेंट करने के साथ ही पहाड़ियों पर विभिन्न स्थानों पर लटके पत्थरों को तत्काल हटाने के निर्देश दिए हैं, ताकि किसी भी दुर्घटना से समय रहते बचा जा सके। डीएम ने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि सभी डेंजर जोन को चिह्नित कर तत्काल रिपोर्ट दें। हिदायत दी कि इस घटना की पुनरावृत्ति न हो। साथ ही निर्माण कार्य बहुत ही सावधानीपूर्वक करें, जिससे दुर्घटना की आशंका न रहे। इससे पूर्व भी डीएम निर्माण एजेंसी को सुरक्षा मानकों का पालन करने के निर्देश दे चुके हैं, लेकिन उसका पालन नहीं किया जा रहा है।


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