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पहाड़ी से मलबा आने से गौरीकुंड हाईवे हुआ बंद, दुल्हन लेने पैदल पहुंची बरात

पहाड़ी से मलबा आने के चलते बंद हुआ गौरीकुंड हाईवे बरातियों पर भारी पड़ गया। हाईवे पर लंबा जाम लगने से एक बरात पांच किमी जबकि दूसरी तीन किमी पैदल चलकर दुल्हन लेने पहुंची।

By Edited By: Published: Fri, 22 Feb 2019 07:03 PM (IST)Updated: Sat, 23 Feb 2019 10:57 AM (IST)
पहाड़ी से मलबा आने से गौरीकुंड हाईवे हुआ बंद, दुल्हन लेने पैदल पहुंची बरात
पहाड़ी से मलबा आने से गौरीकुंड हाईवे हुआ बंद, दुल्हन लेने पैदल पहुंची बरात

रुद्रप्रयाग, जेएनएन। फाटा क्षेत्र में पहाड़ी से मलबा आने के चलते बंद हुआ गौरीकुंड हाईवे शुक्रवार को बरातियों पर भारी पड़ गया। हाईवे अवरुद्ध होने से यात्रियों को तो दिक्कत हुई ही, बरातियों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। हाईवे पर लंबा जाम लगने से एक बरात पांच किमी, जबकि दूसरी तीन किमी पैदल चलकर दुल्हन लेने पहुंची।

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शुक्रवार को रुद्रप्रयाग से 52 किमी दूर फाटा के पास डोलिया देवी में मलबा आने से गौरीकुंड हाईवे सुबह 11 बजे अवरुद्ध हो गया। मलबा काफी अधिक होने से लंबा जाम भी लग गया। इस बीच दो बरात भी जाम में फंस गई। एक बरात को जामू गांव जाना था। जाम में वक्त अधिक लगने से मजबूरन जंगल के रास्ते पांच किमी पैदल चलकर बरात दुल्हन के गांव पहुंची। जबकि, दूसरी बरात रामपुर जानी था, यह बरात भी तीन किमी पैदल चलकर गांव पहुंची। 

बराती सोवन सिंह ने बताया कि हाईवे पर मलबा काफी अधिक था, जिसके चलते हाईवे खुलने में काफी वक्त लगता। वहीं, लगभग साढ़े पांच घंटे बाद हाईवे से मलबा हटाया जा सका। वाहनों की आवाजाही साढ़े चार बजे नियमित हो सकी। हालांकि शाम को वापसी के समय बरातियों ने हाईवे खुलने पर राहत की सांस ली। एनएच के अधिशासी अभियंता जेपी त्रिपाठी ने बताया कि मलबा आने पर तत्काल इसे हटाने का कार्य शुरू कर दिया गया था, अधिक मलबा आने पर इसे हटाने में समय लगा।

यमुनोत्री हाईवे पर आई दरार

यात्रकाल शुरू होने में महज दो माह शेष है। लेकिन लगातार यमुना नदी के कटाव और सड़क पर बर्फ के पानी से यमुनोत्री राजमार्ग पर झझर गाड के पास राजमार्ग में दरारें आने लगी हैं। दरारें इतनी बढ़ गई हैं कि वाहनों का हाईवे से गुजरना जोखिमभरा हो रहा है।

ग्रामीणों ने सरकार से हाईवे को जल्द से जल्द दुरुस्त करने की मांग की है। पिछले कई दिनों से लगातार बर्फबारी से जहां आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। वहीं बर्फबारी से बढ़ती कड़ाके की ठंड और गिरते तापमान सहित यमुनोत्री राजमार्ग के झझर गाड के पास सड़क में दरार आने लगी है। 

हालांकि एनएच विभाग इसका कारण यमुना नदी से होने वाले कटाव को मान रहा है। लेकिन, यमुना नदी में इन दिनों जलप्रवाह बहुत कम है। ऐसे में सड़क में दरार की वजह तापमान में गिरावट और निर्माण में निम्न गुणवत्ता को माना जा रहा है। यात्र सीजन शुरू होने में महज दो माह शेष है। ऐसे में राजमार्ग के खस्ताहाल होने से यात्र पर संकट मंडराने लगा है। 

स्थानीय निवासी महावीर पंवार माही, सुबोध, रामलाल ने विभाग पर आरोप लगाया कि जहां एक ओर ओजरी का डाबरकोट यात्र के लिए नासूर बना हुआ है। वहीं राणाचट्टी के झझरगाड के पास सड़क में दरार का विभाग संज्ञान लेने को तैयार नहीं है। वहीं इसे लेकर अधिशासी अभियंता नवनीत पांडे ने बताया कि झझर गाड के पास हाईवे पर जो दरार पड़ी है, उस संबंध में उच्चाधिकारियों को सूचित करा दिया गया है।

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