Chardham Yatra: श्रद्धालुओं के लिए खुले भैरवनाथ मंदिर के गेट, केदारनाथ में शुरू हुई सांध्य आरती
भगवान केदारनाथ के रक्षक भैरवनाथ मंदिर के गेट विधि-विधान पूर्वक खोल दिए गए। इसी के साथ केदारनाथ मंदिर में बाबा की सायंकालीन आरती भी शुरू हो गई।
रुद्रप्रयाग, जेएनएन। भगवान केदारनाथ के रक्षक भैरवनाथ मंदिर के गेट विधि-विधान पूर्वक खोल दिए गए। इसी के साथ केदारनाथ मंदिर में बाबा की सायंकालीन आरती भी शुरू हो गई। परंपरा के अनुसार भैरवनाथ मंदिर के गेट खुलने तक केदारनाथ मंदिर में सायंकालीन आरती नहीं की जाती।
परंपरा के अनुसार केदारनाथ के मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग ने भैरवनाथ मंदिर में कपाट गेट की प्रक्रिया संपन्न कराई। भैरवनाथ मंदिर केदारनाथ मंदिर से 800 मीटर दूर बायें ओर की पहाड़ी पर स्थित है। भैरवनाथ को भगवान केदारनाथ का क्षेत्रपाल माना गया है।
लॉकडाउन के चलते इस बार कपाट खोलने के मौके पर मुख्य पुजारी के साथ वेदपाठी व देवस्थानम बोर्ड के प्रशासनिक अधिकारी बीडी सिंह मौजूद रहे। इसी के साथ केदारनाथ मंदिर में सायंकालीन आरती भी शुरू हो गई।
बदरीनाथ धाम को किया सेनेटाइज
नगर पंचायत बदरीनाथ की टीम ने मंदिर जाने वाले मुख्य मार्ग व बस अड्डे समेत विभिन्न मार्गों की सफाई का कार्य शुरू कर दिया है। इसके अलावा धाम को सेनेटाइज भी किया गया।
नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी सुनील पुरोहित ने बतया कि टीम में नौ सफाई कर्मी, तीन मजदूर, दो वाहन चालक और तीन अन्य कर्मचारी शामिल हैं। बताया कि धाम में जिन स्थानों पर बर्फ जमी हुई है, वहां बर्फ हटाकर पैदल मार्ग की मरम्मत की जा रही है। धाम के कपाट 15 मई को खोले जाने हैं।
बदरीनाथ हाईवे पर हिमखंड बने चुनौती
बदरीनाथ के पास छह स्थानों पर हिमखंड सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के लिए भी चुनौती बने हुए हैं। हाईवे पर हनुमानचट्टी से बदरीनाथ के बीच छह स्थानों पर हिमखंड हैं। गुरुवार देर रात कंचनगंगा में एक हिमखंड के टूटने से बदरीनाथ हाईवे बाधित है। ऐसे में बीआरओ की टीम सड़क तक आए इन हिमखंडों को मशीन से काट कर मार्ग खोल रही है।
दरअसल, 15 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खोले जाने हैं। बीआरओ के कमांडर मनीष कपिल ने बताया कि उनका लक्ष्य है कि कपाट खुलने से पहले हाईवे को पूरी तरह से सुरक्षित कर लिया जाए। उन्होंने बताया कि हनुमानचट्टी से बदरीनाथ के बीच 12 किलोमीटर की दूरी में कंचनगंगा, पागलनाला व रड़ांग नाले सर्वाधित संवेदनशील हैं।
यहां एक माह में चार बार हिमखंड टूटने से हाईवे को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि तापमान बढ़ने से बर्फ पिघल रही है और हिमखंड टूट रहे हैं। उन्होंने बताया कि ये हिमखंड 10 से 15 फीट तक ऊंचे हैं। मनीष के अनुसार अब इन स्थानों पर मशीनों से हिमखंडों को काटा जा रहा है।
इसके अलावा यात्रा के दौरान भी हाईवे पर मशीनें तैनात रहेंगी ताकि हिमखंड टूटने पर तत्काल आवाजाही बहाल की जा सके। कंचनगंगा में बंद हाईवे सुचारु करने के बारे में उन्होंने बताया कि बीआरओ के 12 जवान यहां कार्य कर रहे हैं। उम्मीद है जल्द मार्ग सुचारु हो जाएगा।
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