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जंगलों को आग से बचाने को वन विभाग ले रहा गब्बर सिंह का सहारा, पढ़िए खबर

जंगल को आग से बचाने के लिए वन विभाग ने बॉलीवुड की फिल्मों के डायलॉग की शरण ली है। फिल्मों के मशहूर डायलॉग की पैरोडी तैयार कर शहर से गांव तक जगह-जगह पोस्टर लगाए गए हैं।

By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Published: Wed, 13 May 2020 11:57 AM (IST)Updated: Wed, 13 May 2020 09:34 PM (IST)
जंगलों को आग से बचाने को वन विभाग ले रहा गब्बर सिंह का सहारा, पढ़िए खबर
जंगलों को आग से बचाने को वन विभाग ले रहा गब्बर सिंह का सहारा, पढ़िए खबर

रुद्रप्रयाग, जेएनएन। जंगल को आग से बचाने के लिए वन विभाग ने बॉलीवुड की फिल्मों के डायलॉग की शरण ली है। फिल्मों के मशहूर डायलॉग की पैरोडी तैयार कर शहर से गांव तक जगह-जगह पोस्टर लगाए गए हैं। ये पोस्टर लोगों के बीच चर्चा का विषय भी बने हुए हैं।

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दरअसल, कोरोना महामारी का असर जीवन के हर क्षेत्र पर पड़ा है। ऐसे में शैली में बदलाव आना भी स्वाभाविक है। रुद्रप्रयाग वन विभाग भी इसका अपवाद नहीं है। 15 फरवरी वनों के लिए फायर सीजन शुरू हो जाता है। इस दौरान वन विभाग ग्रामीण क्षेत्रों में जन जागरूकता के लिए गोष्ठियों का आयोजन करता है, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के कारण गोष्ठियों का आयोजन नहीं हो सकता। 

ऐसे में वन विभाग ने यह अनूठी पहल की है। इनमें फिल्म शोले में गब्बर सिंह का डायलॉग 'ओ सांभा कितना ईनाम रखे है सरकार हम पर' की तर्ज पर 'जंगल में आग लगाने पर सरकार कितना जुर्माना रखे है।' को खासा पसंद किया जा रहा है। 

इसी तरह फिल्म 'दबंग' में सोनाक्षी सिन्हा के  डायलॉग की पैरोडी भी लोगों को भा रही है, 'थप्पड़ से डर नहीं लगता साहब, जंगल की आग से लगता है। इस पहल को करने वाले प्रभागीय वनाधिकारी वैभव कुमार बताते हैं कि वक्त की नजाकत को देखते हुए गोष्ठी नहीं हो सकतीं, इसीलिए जागरूकता का यह तरीका अपनाया गया है। 

उन्होंने बताया कि ग्रामीण इसे खासा पसंद भी कर रहे हैं। जंगल की आग से निपटने की तैयारियों के बारे में उन्होंने बताया कि रुद्रप्रयाग वन प्रभाग में कुल 35 क्रु स्टेशन बनाए गए हैं, जिनमें 100 लोगों को शामिल किया गया है। इसके अलावा एक एप बनाया गया है, जिसके माध्मय से सरपंच के साथ ही अधिकारियों को भी जोड़ा गया है। इस एप में वन क्षेत्र, वन के प्रकार व सबसे नजदीक क्रु सेंटर की जानकारी दी गई है। 

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उत्तराखंड में 42 फीसद वन भूभाग संवेदनशील

71 फीसद वन भूभाग वाले उत्तराखंड में 42 फीसद क्षेत्र आग के लिहाज से संवेदनशील है। यही वजह है कि उत्तराखंड में वनों की आग किसी चुनौती से कम नहीं है। आग की दृष्टि से वर्ष 2016 को कोई शायद ही भुला पाए। तब आग को बुझाने के लिए पहली बार सेना के हेलीकाप्टर की मदद ली गई। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को इसमें लगाना पड़ा। वर्ष 2016 में 4433.75 हेक्टेयर क्षेत्रफल आग से राख हो गया था।

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