तिलवाड़ा में फूड प्रोसे¨सग यूनिट बंद करने की तैयारी
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: तिलवाड़ा में नब्बे के दशक में सरकार ने स्थानीय उत्पादों के विपणन की व्यवस्
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: तिलवाड़ा में नब्बे के दशक में सरकार ने स्थानीय उत्पादों के विपणन की व्यवस्था के लिए फूड प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना की थी। इसका फायदा जिले के तीनों विकासखंड जखोली, ऊखीमठ और अगस्त्यमुनि को मिल रहा था। लेकिन, अब निगम इस यूनिट को बंद करने की योजना बना रहा है। जिसकी तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं। वहीं इस निर्णय से स्थानीय लोगों में भारी रोष है।
जिले के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर माल्टा, बुरांश और आंवले का उत्पादन होता है। उत्पादों के विपणन की व्यवस्था के लिए सरकार ने जिला मुख्यालय से नौ किमी दूर तिलवाड़ा के पास गढ़वाल मंडल विकास निगम फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित की थी। लेकिन, अब घाटा दिखाकर निगम यूनिट बंद करने की योजना बना रहा है। यहां तैनात कर्मचारियों को अन्यत्र शिफ्ट किया जा रहा है। वर्ष 1999 में जीएमवीएन ने यह यूनिट स्थापित की थी। यूनिट की स्थापना से जखोली ब्लॉक के साथ ही जिले के ऊखीमठ और अगस्त्यमुनि ब्लॉक के क्षेत्रों के किसानों से माल्टा, आंवला, बुंराश सहित अन्य उत्पादों की खरीद कर जूस, अचार और जैम तैयार किया जाता है। यह उत्पाद तिलवाड़ा, अगस्त्यमुनि, गुप्तकाशी, ऊखीमठ, रुद्रप्रयाग आदि बाजारों में बेचे जाते हैं। निगम के अनुसार बीते दो-तीन वर्षों से फूड प्रोसे¨सग यूनिट निगम के लिए घाटे का सौदा साबित हो रहा है, जिससे इसे बंद किया जा रहा है। भाजपा के वरिष्ठ नेता विक्रम कंडारी ने कड़ा रोष जताते हुए कहा कि यूनिट को बंद नहीं होने दिया जाएगा। वहीं जिला पंचायत सदस्य गोपाल ¨सह पंवार का कहना है कि यूनिट की स्थापना के लिए ग्रामीणों ने सैकड़ों नाली भूमि दान दी थी। इसे बंद नहीं होने दिया जाएगा। वहीं यूनिट के प्रबंधक एलके अवस्थी का कहना है कि फल संरक्षण इकाई घाटे में चल रही है, जिससे निगम घाटे में जा रहा है। इस पर निर्णय निगम के उच्च अधिकारी लेंगे।