कोरोना काल में चुनौतीपूर्ण होगी केदारनाथ धाम की यात्रा
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: चारधामों में सबसे चुनौतीपूर्ण यात्रा केदारनाथ धाम की है। इसके चलते यहां य
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: चारधामों में सबसे चुनौतीपूर्ण यात्रा केदारनाथ धाम की है। इसके चलते यहां यात्रा व्यवस्थाएं प्रत्येक सीजन में शुरू करना किसी चुनौती से कम नहीं होता। वर्तमान में कोरोना महामारी के बीच सरकार की ओर से आगामी जुलाई माह से केदारनाथ यात्रा शुरू करने की संभावना है। ऐसे में केदारनाथ यात्रा सुचारू रखने के साथ ही कोरोना महामारी से भी निपटना होगा। धाम में अभी बुनियादी सुविधाएं बहाल नहीं हैं। 16 किमी लंबे पैदल मार्ग पर भी यात्रा व्यवस्थाएं जुटाना अभी बाकी है।
समुद्र तल से 11657 फीट ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ धाम का भूगोल अन्य तीन धामों से बिल्कुल अलग है। ऐसे में यहां यात्रा व्यवस्थाएं जुटाने के लिए अधिकारियों व कर्मचारियों को काफी पसीना बहाना पड़ता है। वर्तमान में कोरोना काल चल रहा है। जुलाई से चारधाम यात्रा खोले जाने की संभावना है। पुलिस प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग कोरोना महामारी से लड़ रहा है, लेकिन अभी भी कोरोना पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है। ऐसे में कोरोना के खिलाफ लड़ाई के साथ ही केदारनाथ में स्वास्थ्य सुविधाएं जुटाना चुनौतीपूर्ण होगा। केदारनाथ में आक्सीजन की भारी कमी और अधिक ऊंचाई, ठंड अधिक होने से प्रत्येक वर्ष यात्रियों की बड़ी संख्या में मौत हो जाती है। इसलिए प्रशासन को केदारनाथ धाम के साथ ही पैदल मार्ग पर स्वास्थ्य सेवाएं दुरुस्त करनी होती हैं।
वहीं प्रशासन को यात्रियों के रहने से लेकर खाने की व्यवस्था भी करनी होगी। केदारनाथ व्यापार संघ के अध्यक्ष महेश बगवाड़ी कहते हैं, यात्रा सीजन का पीक बीत चुका है, बरसात भी शुरू हो चुका है। ऐसे में अब यात्रा शुरू होने की स्थिति में केदारनाथ धाम व पैदल मार्ग पर व्यापारी अपने प्रतिष्ठानों को खोलने के लिए घरों से आएंगे, इसकी संभावना काफी कम है। सरकार को ही यात्रियों के रहने व खाने के लिए दुरुस्त व्यवस्था करनी होगी। वहीं जिलाधिकारी मनुज गोयल ने कहा कि यात्रियों को सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। इसके लिए यात्रा व्यवस्थाओं से जुड़े अधिकारियों को जरूरी निर्देश जारी किए गए हैं।