प्रशासन की सख्ती के बाद उच्च हिमालय से हटने लगे अतिक्रमण
रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन की सख्ती के बाद समुद्रतल से दस हजार फीट से अधिक की ऊंचाई पर हुए अतिक्रमणों को अधिकांश लोगों ने स्वयं हटा दिया है।
रुद्रप्रयाग, [जेएनएन]: प्रतिबंधित वन क्षेत्र में समुद्रतल से दस हजार फीट से अधिक की ऊंचाई पर हुए अतिक्रमणों को रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन की सख्ती के बाद अधिकांश लोगों ने स्वयं हटा दिया है। प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने के लिए उन्हें तीन दिन का अल्टीमेटम दिया था।
बीती पांच जुलाई को अपर जिलाधिकारी गिरीश चंद्र गुणवंत के नेतृत्व में रुद्रप्रयाग वन प्रभाग और केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के एसडीओ ने तुंगनाथ क्षेत्र में मक्कू बैंड से पपड़िया तक 75 स्थायी अतिक्रमण चिह्नित किए थे। साथ ही अतिक्रमण हटाने के लिए संबंधित लोगों को तीन दिन का समय दिया था।
इसके बाद अतिक्रमणकारियों ने प्रतिबंधित वन क्षेत्र से स्वयं ही अपने टेंट व हट्स हटाने शुरू कर दिए। बीते दो दिन में मक्कूबैंड से पपडिय़ा तक 80 से अधिक टेंट व हट्स हटा दिए गए हैं। वहीं, जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल स्थायी व अस्थायी निर्माणों पर लगातार नजर रखे हुए है।
अतिक्रमण को प्रशय देने के आरोप में अब तक एक पटवारी व दो वन दारोगा निलंबित किए जा चुके हैं। अपर जिलाधिकारी गिरीश चंद्र गुणवंत ने बताया कि अल्टीमेटम के बाद भी यदि अतिक्रमण नहीं हटाए जाते तो प्रशासन सख्त कदम उठाएगा।
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