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बदरी-केदार की प्रतिकृति भी साथ ले जा सकेंगे श्रद्धालु

इस बार चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु केदारनाथ व बदरीनाथ मंदिर की प्रतिकृति भ्भी साथ लेकर जा सकेंगे।

By JagranEdited By: Published: Mon, 05 Apr 2021 10:33 PM (IST)Updated: Mon, 05 Apr 2021 10:33 PM (IST)
बदरी-केदार की प्रतिकृति भी साथ ले जा सकेंगे श्रद्धालु
बदरी-केदार की प्रतिकृति भी साथ ले जा सकेंगे श्रद्धालु

रविंद्र कप्रवान, रुद्रप्रयाग

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इस बार चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु केदारनाथ व बदरीनाथ मंदिर की प्रतिकृति भी अपने साथ ले जा सकेंगे। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से रुद्रप्रयाग जिले में महिलाओं के 14 स्वयं सहायता समूह बदरी-केदार की प्रतिकृति तैयार कर रहे हैं। इससे समूह से जुड़ी प्रत्येक महिला 500 से लेकर एक हजार रुपये तक रोजाना कमा दे रही है।

यात्रा सीजन में हर साल देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु चारधाम दर्शनों को पहुंचते हैं। इनमें से अधिकांश श्रद्धालु लौटते हुए यादगार के तौर पर पहाड़ से जुड़ी कोई न कोई वस्तु अपने साथ जरूर ले जाते हैं। इसी को देखते हुए रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने जिला उद्योग केंद्र (डीआइसी) को बदरीनाथ व केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति बनाने का जिम्मा सौंपा है। डीआइसी जिले के महिला स्वयं सहायता समूहों से यह प्रतिकृति तैयार करवा रहा है। इसके लिए महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से महिला समेकित विकास योजना के तहत इन समूहों को प्रशिक्षित किया गया।

मास्टर ट्रेनर भास्कर पुरोहित बताते हैं कि योजना में जिले के 14 गांवों के 24 स्वयं सहायता समूह लिए गए हैं। प्रत्येक समूह में 20 से 25 महिलाएं शामिल हैं और प्रत्येक महिला रोजाना पांच से दस प्रतिकृति तैयार कर लेती है। इससे उन्हें प्रतिदिन 500 से लेकर एक हजार रुपये तक की आय हो जा रही है। महिला समूहों से मंदिर की प्रतिकृति जिला उद्योग केंद्र खरीद रहा है।

स्वयं सहायता समूह से जुड़ी संतोषी बताती हैं कि केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति का मूल्य 500 रुपये से लेकर 15 हजार रुपये तक है। जबकि बदरीनाथ मंदिर की प्रतिकृति का मूल्य दो हजार से पांच हजार रुपये तक रखा गया है। बताया कि आगामी यात्रा सीजन पर यदि कोरोना का संकट भारी न पड़ा तो बदरी-केदार मंदिर की प्रतिकृतियां रिकार्ड संख्या में बिक सकती हैं।

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'योजना के लिए प्रथम चरण में 30 लाख की धनराशि स्वीकृत हुई, जिसमें से 15 लाख की धनराशि हमें प्राप्त हो चुकी है। इस राशि का उपयोग मशीन लगाने के लिए किया गया, जिस पर 11 लाख की लागत आई।'

-एचसी हटवाल, जिला उद्योग केंद्र, रुद्रप्रयाग


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