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Chardham Yatra 2023: केदारनाथ में तैयारियों ने पकड़ी गति, पंजीकरण के विरोध में 21 को प्रदर्शन करेंगे पुरोहित

Chardham Yatra 2023 22 अप्रैल को गंगोत्री-यमुनोत्री 25 अप्रैल को केदारनाथ और 27 अप्रैल को बदरीनाथ धाम के कपाट खोले जाने हैं। यात्रा तैयारियों का जायजा लेने के लिए पहुंची 16 सदस्यीय टीम ने केदारनाथ धाम में में विभिन्न व्यवस्थाओं को परखा।

By Jagran NewsEdited By: Nirmala BohraPublished: Sat, 18 Mar 2023 10:20 AM (IST)Updated: Sat, 18 Mar 2023 10:20 AM (IST)
Chardham Yatra 2023: केदारनाथ में तैयारियों ने पकड़ी गति, पंजीकरण के विरोध में 21 को प्रदर्शन करेंगे पुरोहित
Chardham Yatra 2023: केदारनाथ में तैयारियों ने पकड़ी गति

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: Chardham Yatra 2023: बदरी-केदार मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी के नेतृत्व में यात्रा तैयारियों का जायजा लेने के लिए पहुंची 16 सदस्यीय टीम ने केदारनाथ धाम में में विभिन्न व्यवस्थाओं को परखा।

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टीम में यात्रा व्यवस्थाओं से जुड़े विभागीय अधिकारी शामिल हैं। इस बीच हल्की बर्फबारी भी होती रही। केदारनाथ धाम में बीते दो दिन से हो रही बर्फबारी के चलते तापमान शून्य से नीचे चला गया है। हालांकि धाम में एक इंच के लगभग बर्फ जमी है।

वहीं चारधाम के लिए यात्रियों की संख्या निर्धारित करने व स्थानीय निवासियों का पंजीकरण करने का उत्तराखंड चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत ने विरोध किया है। इस क्रम में महापंचायत 21 मार्च को जिला मुख्यालयों व मुख्य यात्रा पड़ावों पर प्रदर्शन करेगी।

यात्रा शुरू होने में डेढ़ माह से भी कम समय शेष

चारधाम यात्रा शुरू होने में अब डेढ़ माह से भी कम समय शेष है। 22 अप्रैल को गंगोत्री-यमुनोत्री, 25 अप्रैल को केदारनाथ और 27 अप्रैल को बदरीनाथ धाम के कपाट खोले जाने हैं।

सभी धामों में व्यवस्थाएं बनाने के लिए जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं। इस बीच गुरुवार शाम बदरी-केदार मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह के साथ पर्यटन, लोनिवि, जल संस्थान, विद्युत समेत विभिन्न विभागों के अधिकारियों की टीम व्यवस्थाओं को जांचने केदारनाथ धाम पहुंची।

शुक्रवार को टीम ने यात्रा तैयारियों से लेकर दूसरे चरण के पुनर्निर्माण कार्य शुरू करने को लेकर भी निरीक्षण किया। बर्फबारी के बीच ही टीम ने मंदिर परिसर, मंदिर के सामने मुख्य मार्ग, मंदिर समिति के आवासीय परिसर, मंदाकिनी व सरस्वती नदी किनारे हो रहे पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। साथ ही पुनर्निर्माण कार्यों के लिए पहुंचे 207 मजदूरों से भी मुलाकात की।

योगेंद्र सिंह ने बताया कि पैदल मार्ग से लेकर केदारनाथ मंदिर परिसर तक बर्फ हटा दी गई है। धाम में विद्युत आपूर्ति के साथ दूरसंचार सेवा भी सुचारु कर दी गई है। जल्द ही पेयजल आपूर्ति भी बहाल कर दी जाएगी। धाम में पुनर्निर्माण से संबंधित सामग्री के साथ खाद्यान्न भी पहुंचाया जा रहा है।

इसके अलावा पैदल मार्ग पर शौचालय और पेयजल की व्यवस्था की जा रही है। जल संस्थान की ओर से पैदल मार्ग पर पेयजल स्टैंड पोस्ट, हैंडपंप और पेयजल लाइनों की मरम्मत की जा रही है। तीर्थ यात्रियों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए यात्रा मार्ग पर बने एमआरपी (मेडिकल रिलीफ पोस्ट) की मरम्मत भी तेजी से की जा रही है।

एसडीएम कुमकुम जोशी ने बदरीनाथ हाईवे का किया निरीक्षण

जोशीमठ में चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं को दुरुस्त किए जाने को लेकर उपजिलाधिकारी कुमकुम जोशी ने बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग का निरीक्षण कर बीआरओ को यात्रा शुरू होने से पूर्व सड़क सुधारीकरण कार्य को लेकर निर्देश दिए।

उत्तराखंड चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत की बैठक

उत्तराखंड चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत ने चारधाम के लिए यात्रियों की संख्या निर्धारित करने व स्थानीय निवासियों का पंजीकरण करने का विरोध किया है। मांगों को लेकर महापंचायत 21 मार्च को जिला मुख्यालयों व मुख्य यात्रा पड़ावों पर प्रदर्शन करेगी। जिसमें विभिन्न होटल एसोसिएशन, व्यापार सभा व टूर ट्रैवल्स ऐजेंसी भी शामिल होंगी।

उत्तराखंड चार धाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल की अध्यक्षता में शुक्रवार को आयोजित बैठक में चारधाम यात्रियों की संख्या सीमित करने व चारधाम में पर्यटन विभाग की ओर से शुरू की जा रही टोकन व्यवस्था का विरोध का किया गया। यात्रियों के साथ ही स्थानीय लोगों से पंजीकरण की व्यवस्था समाप्त करने की भी मांग उठाई।

सेमवाल ने बताया कि महापंचायत, तीर्थाटन, पर्यटन गतिविधियों से जुड़ी हुई संस्थाओं के संयुक्त तत्वावधान में 21 मार्च को जिला मुख्यालय व मुख्य यात्रा पड़ाव हरिद्वार, ऋषिकेश, बड़कोट, ऊखीमठ, गुप्तकाशी, जोशीमठ, पांडुकेश्वर में धरना प्रदर्शन किया जाएगा।

इस संबंध में महापंचायत की ओर से समन्वय समिति गठित की गई है। जिसमें पदाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। महापंचायत के महासचिव डा. बृजेश सती ने बताया कि यदि इसके बाद भी मांग पूरी नहीं हुई तो देहरादून में आंदोलन किया जाएगा।

बैठक में गंगोत्री तीर्थ पुरोहित महासभा के अध्यक्ष संजीव सेमवाल, यमुनोत्री तीर्थ पुरोहित महासभा के अध्यक्ष पुरुषोत्तम उनियाल, महापंचायत उपाध्यक्ष संतोष त्रिवेदी, ब्रह्म कपाल तीर्थ पंचायत समिति अध्यक्ष सुमित सतीश, केदार सभा कार्यकारिणी सदस्य व संजय तिवारी, संगठन मंत्री तेज प्रकाश त्रिवेदी, रजनीकांत सेमवाल निखिलेश सेमवाल, अनुरूद्ध उनियाल, आदि उपस्थित थे।


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