रुद्रप्रयाग में भितरघातियों ने डुबोई भाजपा की लुटिया
रुद्रप्रयाग नगरपालिका सीट पर चुनाव हार चुकी भाजपा प्रत्याशी सरस्वती त्रिवेदी ने भी अपनी हार के लिए पार्टी के अंदर भीतरघात को ही मुख्य कारण माना है।
रुद्रप्रयाग, जेएनएन। जनपद में भाजपा की हुई करारी हार के पीछे भीतरघातियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भितरघातियों ने पार्टी को डुबोने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। टिकट वितरण से ही भाजपा के भीतर धड़ेबाजी शुरू हो गई थी, जो चुनाव के दौरान और बढ़ गई। पार्टी हाईकमान इस विद्रोह को रोकने में असफल रहा। यही कारण रहा कि रुद्रप्रयाग नगर पालिका के साथ ही अगस्त्यमुनि व तिलवाड़ा में भी भाजपा के भीतरघातियों ने ही पार्टी के लिए मुसीबत खड़ी कर दी।
रुद्रप्रयाग नगरपालिका सीट पर भाजपा की स्थिति पहले मजबूत मानी जा रही थी, लेकिन टिकट वितरण के बाद से विरोध के स्वर तेज हो गए। पार्टी की ही सुशीला बिष्ट ने निर्दलीय चुनाव में ताल ठोक दी। इन्हें बिठाने के लिए संगठन ने कोई ठोस पहल नहीं की। पार्टी का एक बड़ा धड़ा चुनाव शुरू होने के साथ ही संदेह के घेरे मे रहा और मतगणना तक भीतरघाती पूरी तरह मजबूत हो गए पार्टी प्रत्याशी की रणनीति को तहस नहस कर चुके थे। इस सीट पर चुनाव हार चुकी भाजपा प्रत्याशी सरस्वती त्रिवेदी ने भी अपनी हार के लिए पार्टी के अंदर भीतरघात को ही मुख्य कारण माना है। गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी हार पार्टी के भीतरघात के कारण हुई। इसकी शिकायत वह मुख्यमंत्री से करेंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस के साथ कर उनके साथ धोखा किया है। जो उनकी हार का कारण बना।
रुड़की में खाता भी नहीं खोल पाई बसपा
निकाय चुनाव में इस बार बसपा अपना खाता भी नहीं खोल पाई। किसी की जमानत जब्त हुई तो किसी को चौथे स्थान पर संतोष करना पड़ा। लंढौरा में इस बार बसपा अपनी सीट भी नहीं बचा पाई है। वहीं अन्य जगहों पर भी बसपा को करारी शिकस्त मिली। मंगलौर नगर पालिका के अलावा चार नगर पंचायतों में बसपा का खाता तक नहीं खुल पाया। भगवानपुर जहां पहले बसपा का गढ़ रहा है। भगवानपुर नगर पंचायत में बसपा के सिंबल पर चुनाव लड़ रहे सुशील कुमार मात्र 945 वोट ही हासिल कर तीसरे स्थान पर सिमट गए। वहीं पिछले बार लंढौरा नगर पंचायत चुनाव में जीत हासिल करने वाले निर्दलीय प्रत्याशी खलील अहमद बसपा में शामिल हो गए थे।
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