Badrinath Highway भारी वर्षा के चलते बदरीनाथ हाईवे पर खांकरा और नरकोटा के बीच भूस्खलन होने से लगभग 10 किमी लंबा जाम लग गया। चटवापीपल और कमेड़ा में भी भूस्खलन के चलते पांच घंटे तक हाईवे पर आवाजाही बाधित रही। दोनों जगहों पर सात हजार से अधिक यात्री फंसे रहे। कई स्थानों पर दुकानें नहीं होने से खाने का सामान और पानी तक नसीब नहीं हुआ।
संवाद सहयोगी, जागरण, रुद्रप्रयाग। Badrinath Highway: भारी वर्षा के चलते बदरीनाथ हाईवे पर खांकरा और नरकोटा के बीच भूस्खलन होने से लगभग 10 किमी लंबा जाम लग गया। पहाड़ी से बड़ी मात्रा में मलबा और बोल्डर गिरने से हाईवे लगभग 11 घंटे तक अवरुद्ध रहा। इस दरमियान लगभग 900 वाहनों में 5,000 से अधिक यात्री फंसे रहे।
चटवापीपल और कमेड़ा में भी भूस्खलन के चलते पांच घंटे तक हाईवे पर आवाजाही बाधित रही। इससे दोनों ओर 500 से अधिक वाहनों में लगभग 2,000 यात्री और स्थानीय लोग फंस गए। पहाड़ी से लगातार पत्थर गिरने के कारण मलबा हटाने में खासी दिक्कतें आईं। इस दरमियान यात्रियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी। कई स्थानों पर दुकानें नहीं होने से खाने का सामान और पानी तक नसीब नहीं हुआ।
भूख और प्यास से तड़पे यात्री
ऐसे में लोग भूख और प्यास से व्याकुल हो उठे। सर्वाधिक परेशानी बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को हुई। दूध, सब्जी व अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुओं के वाहन जाम में फंसने से आसपास के क्षेत्रों में इनकी समय पर आपूर्ति नहीं हो पाई।
रुद्रप्रयाग जिले में बुधवार रात भारी वर्षा हुई। इस बीच सिरोबगड़, खांकरा और नरकोटा में पहाड़ियों पर भूस्खलन होने से बदरीनाथ हाईवे अवरुद्ध हो गया।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की टीम ने गुरुवार सुबह नौ बजे तक खांकरा और सिरोबगड़ में हाईवे खोल दिया, लेकिन श्रीनगर की ओर खांकरा और नरकोटा के बीच सम्राट होटल के पास पहाड़ी से लगातार मलबा व बोल्डर गिरते रहे। यहां तड़के करीब चार बजे बंद हुई आवाजाही से दूध-सब्जी समेत अन्य आवश्यक सामग्री लेकर आ रहे वाहन भी जाम में फंस गए। इस क्षेत्र में कोई वैकल्पिक मार्ग भी नहीं है। ऐसे में हाईवे के दोनों तरफ वाहनों की कतार बढ़ती चली गई।
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भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के लोनिवि खंड के साथ पुलिस व आपदा प्रबंधन की टीम मौके पर पहुंची और जेसीबी से मलबा हटाना शुरू किया। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एनएस रजवार ने बताया कि पत्थर और मलबा गिरने का क्रम जारी रहने से मार्ग खोलने में काफी वक्त लग गया।
यहां दोपहर लगभग ढाई बजे वाहनों की आवाजाही शुरू हो सकी। इतने लंबे समय तक मार्ग बंद रहने से नरकोटा से श्रीनगर की ओर धारी देवी तक वाहनों की कतार लग चुकी थी। इस जाम को खुलवाने के लिए पुलिस-प्रशासन को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। जाम में फंसे लोगों की मदद के लिए प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई थी।
चटवापीपल में मलबे में दबा पौकलैंड का अगला हिस्सा
चमोली जिले में बुधवार रात से लेकर गुरुवार सुबह तक हुई मूसलधार वर्षा से बदरीनाथ हाईवे पर कमेड़ा और चटवापीपल भूस्खलन क्षेत्र फिर सक्रिय हो गए। दोनों स्थानों पर सुबह करीब पांच बजे पहाड़ी से बड़ी मात्रा में मलबा आने से मार्ग बंद हो गया। हालांकि, पुलिस की निगरानी में दोपहिया वाहन चालकों और पैदल यात्रियों को निकाला जाता रहा।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की टीम सुबह 10 बजे मलबा हटा पाई, तब जाकर यातायात सुचारु हुआ। दोनों स्थानों पर सुरक्षा और जाम से बचाव के मद्देनजर पुलिस वन-वे व्यवस्था के तहत वाहनों की आवाजाही करा रही है। चटवापीपल में मलबा हटाने के लिए एक-एक पोकलैंड और जेसीबी मशीन पहले से मौजूद थी। रात में पोकलैंड मशीन का अगला हिस्सा भूस्खलन की चपेट में आने से मलबे के नीचे दब गया।
सुबह पुलिस मलबा हटवाने के लिए जेसीबी आपरेटर का इंतजार कर रही थी। ऐसे में मौके पर मौजूद एक व्यक्ति ने जेसीबी चलाने का अनुभव बताते हुए पुलिस से मलबा हटाने देने का आग्रह किया। जेसीबी चालक के आने तक पुलिस ने उससे मलबे को हटाने का काम कराया। जेसीबी आपरेटर के पहुंचने के बाद मलबे में फंसी दूसरी मशीन को भी निकालकर दोनों ओर से मलबा और पत्थर हटाए गए।
थाना प्रभारी कर्णप्रयाग देवेंद्र सिह रावत ने बताया कि चटवापीपल और कमेड़ा में पहाड़ी से रुक-रुककर पत्थर गिर रहे हैं। यात्रियों की सुरक्षा के लिए दोनों स्थानों पर पुलिस के जवान तैनात हैं। चटवापीपल में मलबा और पानी आने से दलदल की स्थिति बनने से ज्यादा परेशानी हो रही है।
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