Move to Jagran APP

ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान हुए बाबा केदार, अगले छह माह यहीं होंगे दर्शन

भगवान केदारनाथ अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान हो गए। अगले छह माह ओंकारेश्वर मंदिर में ही बाबा केदार की नित्य पूजाएं संपन्न होंगी।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Thu, 31 Oct 2019 07:21 PM (IST)Updated: Thu, 31 Oct 2019 08:50 PM (IST)
ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान हुए बाबा केदार, अगले छह माह यहीं होंगे दर्शन
ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान हुए बाबा केदार, अगले छह माह यहीं होंगे दर्शन

रुद्रप्रयाग, जेएनएन। दो पड़ावों पर रात्रि विश्राम करने के बाद गुरुवार को भगवान केदारनाथ अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान हो गए। अब अगले छह माह ओंकारेश्वर मंदिर में ही बाबा केदार की नित्य पूजाएं संपन्न होंगी। इससे पूर्व, गुप्तकाशी से ऊखीमठ पहुंचने पर सैकड़ों भक्तों ने बाबा की उत्सव डोली का फूल और अक्षत से जोरदार स्वागत किया।     

loksabha election banner

मंगलवार को भैयादूज पर्व पर धाम के कपाट बंद होने के बाद बाबा केदार की उत्सव डोली रात्रि विश्राम के लिए अपने प्रथम पड़ाव रामपुर पहुंची थी। बुधवार को डोली अपने दूसरे पड़ाव विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंची। गुरुवार सुबह ठीक आठ बजे धाम के मुख्य पुजारी केदार लिंग ने विशेष पूजा-अर्चना के बाद बाबा की पंचमुखी भोगमूर्त को भोग लगाया। यहां से जैसे ही डोली अपने अंतिम पड़ाव के लिए रवाना हुई, भक्तों की जयकार और जम्मू-कश्मीर इन्फेंट्री की बैंड धुनों से पूरी केदारघाटी शिवमय हो गई। 

उत्सव डोली भैंसारी व विद्यापीठ होते हुए 10.45 बजे जैबीरी पहुंची। यहां स्थानीय लोगों ने डोली को अघ्र्य लगाया। जबकि, देवदर्शनी पहुंचने पर भक्तों ने फूल मालाओं से डोली का स्वागत किया। ठीक 11.45 बजे डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ परिसर पहुंची। यहां मुख्य मंदिर की परिक्रमा करने के बाद डोली को गद्दीस्थल ले जाया गया और फिर धाम के रावल भीमाशंकर लिंग, केदार लिंग और शिवशंकर लिंग की मौजदूगी में बाबा की पंचमुखी भोगमूर्त को मंदिर के गर्भगृह में स्थापित किया गया। 

यह भी पढ़ें: विश्वप्रसिद्ध केदारनाथ और यमुनोत्री मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद

ओंकारेश्वर मंदिर का किया गया शुद्धीकरण

बाबा केदार की डोली के ऊखीमठ पहुंचने से पूर्व केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर लिंग की देख-रेख ओंकारेश्वर मंदिर का शुद्धीकरण किया गया। दरअसल, ओंकोरश्वर मंदिर में विभिन्न स्थानों पर बीते 31 अगस्त को 19 ताम्रपत्र मिले थे। इनमें मंदिर पर हक-हकूक की बात अंकित थी। इस मामले में कार्रवाई न होने से गुस्साए रावल ने बुधवार शाम चेतावनी दी थी कि बाबा की डोली को मंदिर में प्रवेश नहीं कराया जाएगा।

इसके बाद हरकत में आए प्रशासन ने मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में सभी ताम्रपत्र मंदिर से हटा दिए और एक सप्ताह के भीतर मामले में ठोस कार्रवाई का भरोसा दिलाया। प्रशासन ने यह भी कहा था कि मंदिर के शुद्धीकरण के बाद ही डोली को मंदिर में प्रवेश कराया जाएगा। 

यह भी पढ़ें: इस बार खास रही चारधाम यात्रा, केदारनाथ में पहुंचे रिकार्ड दस लाख श्रद्धालु


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.