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केदारनाथ में सीएस ने लिया चिनूक उतारने की संभावनाओं का जायजा

मुख्य सचिव (सीएस) ओमप्रकाश ने शनिवार को केदारनाथ पहुंचकर पुनर्निर्माण कार्यो के साथ ही चिनूक हेलीकॉप्टर उतारने की संभावनाओं समेत अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लिया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 05 Sep 2020 10:31 PM (IST)Updated: Sun, 06 Sep 2020 06:16 AM (IST)
केदारनाथ में सीएस ने लिया चिनूक उतारने की संभावनाओं का जायजा
केदारनाथ में सीएस ने लिया चिनूक उतारने की संभावनाओं का जायजा

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: मुख्य सचिव (सीएस) ओमप्रकाश ने शनिवार को केदारनाथ पहुंचकर पुनर्निर्माण कार्यो के साथ ही चिनूक हेलीकॉप्टर उतारने की संभावनाओं समेत अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने लोनिवि के अधीक्षण अभियंता मुकेश परमार को निर्देश दिए कि धाम में हेलीपैड पर बने गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) के कॉटेज दस दिन के भीतर हटाए जाएं। ताकि वहां चिनूक हेलीकॉप्टर उतारने को 50 गुणा सौ मीटर आकार का हेलीपैड तैयार किया जा सके।

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मुख्य सचिव ओमप्रकाश सुबह 8.30 बजे केदारनाथ पहुंचे और वहां वर्ष 2015 में वायु सेना के मालवाहक हेलीकॉप्टर एमआइ-26 को उतारने के लिए बनाए गए हेलीपैड का निरीक्षण किया। वर्तमान में इस हेलीपैड पर जीएमवीएन के कॉटेज बने होने के कारण यह आधा ही रह गया है। चिनूक हेलीकॉप्टर उतारने को इसका पुराने स्वरूप में विस्तार जरूरी है। मुख्य सचिव ने कार्यदायी संस्थाओं को निर्देश दिए कि पुनर्निर्माण कार्यो में तेजी लाते हुए उन्हें तय समय पर पूरा किया जाए। साथ की कार्यो की गुणवत्ता का भी पूरा ध्यान रखा जाए। उन्होंने जिंदल सोशल वर्क के प्रबंधक विकास राणा को भी हिदायत दी कि आदि शंकराचार्य की समाधि का निर्माण हर हाल में 31 दिसंबर तक पूरा कर लिया जाए। इस मौके पर पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर, जिलाधिकारी वंदना सिंह व निर्माण एजेंसियों के अधिकारी भी मुख्य सचिव के साथ मौजूद थे।

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मुख्य सचिव ने यह भी दिए निर्देश

-सितंबर आखिर तक पूर्ण किया जाए सरस्वती नदी के किनारे आस्था पथ का निर्माण।

-अक्टूबर आखिर तक पूर्ण हो घाट की ओर जाने वाले रास्तों का सुंदरीकरण व विद्युतीकरण का कार्य।

-31 दिसंबर तक पूर्ण हो केदारनाथ से गरुड़चट्टी को जोड़ने वाले पुल का निर्माण।

-15 सितंबर, 30 सितंबर व 15 अक्टूबर तक पूर्ण हो तीर्थ पुरोहितों के तीन भवनों का निर्माण।

-तय समय सीमा के भीतर पूरे किए जाएं ध्यान गुफा के लंबित कार्य।


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