ऑलवेदर रोड से मंडराया 42 परिवारों पर खतरा
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग : चारधाम परियोजना के चलते अगस्त्यमुनि बाईपास से तल्लाबगर (विजयनगर) के 42 प
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग : चारधाम परियोजना के चलते अगस्त्यमुनि बाईपास से तल्लाबगर (विजयनगर) के 42 परिवारों के अस्तित्व पर संकट पैदा हो गया है। खास बात यह है कि 70 वर्षों से काश्तकारी कर रहे इन ग्रामीणों के नाम सरकारी अभिलेखों में दर्ज तक नहीं हो पाए हैं। इस संबंध में जन अधिकार मंच के शिष्टमंडल ने जिलाधिकारी से मुलाकात कर इन परिवारों को पट्टा/भूमिधरी का अधिकार देने की मांग की है।
अगस्त्यमुनि बाजार को बचाने के लिए एनएच लोक निर्माण विभाग की ओर से ऑलवेदर रोड के तहत थाने के पास बाईपास का निर्माण किया जा रहा है। इस बाईपास की क¨टग से क्षेत्र के तल्लाबगर पर संकट के बादल मंडराने शुरू हो गए हैं। अगस्त्यमुनि नगर पंचायत के वार्ड नंबर एक तल्ला बगर पूर्व में ग्राम सभा नाकोट के अधीन था। यहां ग्रामीणों के भूमि अभिलेखों में आज तक नाम दर्ज नहीं हो पाए हैं। जबकि ग्रामीणों के पास राशन कार्ड और मतदाता पहचान पत्र हैं। अगस्त्यमुनि में बाईपास निर्माण के चलते कस्बे को खतरा देखते हुए जिला प्रशासन इनके विस्थापन की कार्रवाई करने जा रहा है। लेकिन इनके नाम पर भूमि न होने से इनके विस्थापन में अड़चन आ रही है। जन अधिकार मंच के शिष्टमंडल ने जिलाधिकारी से मुलाकात कर तीन पीढि़यों से रह रहे ग्रामीणों को भूमिधरी का अधिकार देने की मांग की। या फिर गांव को बचाने के लिए बाईपास के सर्वे में परिवर्तन किया जाए, ताकि उनके ऊपर मंडरा रहा संकट दूर हो सके। वहीं जिलाधिकारी ने इस मामले में साक्ष्यों के आधार पर जांच कर उचित कार्यवाही करने की बात कही। शिष्टमंडल में मंच के अध्यक्ष मोहित डिमरी, रमेश पहाड़ी, बुद्धिबल्लभ ममगाईं, कृष्णानंद डिमरी, अमित रतूड़़ी, पूर्व प्रधान नाकोट कुंवर लाल आर्य सहित अन्य लोग मौजूद थे।