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बदली-बदली नजर आ रही दिव्य श्री केदारपुरी

2013 में आपदी की मार झेलने के बाद अब देश-विदेश से आने वाले यात्रियों को इस बार केदारपुरी नए रूप-रंग में नजर आ रही है।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Fri, 13 Sep 2019 01:00 PM (IST)Updated: Fri, 13 Sep 2019 01:12 PM (IST)
बदली-बदली नजर आ रही दिव्य श्री केदारपुरी
बदली-बदली नजर आ रही दिव्य श्री केदारपुरी

प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट की झलक केदारपुरी में दिखने लगी। देश-विदेश से आने वाले यात्रियों को इस बार केदारपुरी नए रूप-रंग में नजर आ रही है। मंदिर परिसर में जहां एक साथ तीन हजार यात्री खड़े हो सकते हैं, वहीं यात्री 200 मीटर दूर मंदाकिनी व सरस्वती नदी के संगम से भी केदारनाथ मंदिर का दिव्य दर्शन कर रहे हैं। केदारपुरी में बीते एक वर्ष के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत कार्य हुआ है।  

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मंदिर परिसर पहले की तुलना में तीन गुना बड़ा हो गया है, जबकि मंदिर के सामने 275 मीटर लंबा व 50 फीट चौड़ा रास्ता बनाया गया है। रास्ते में भी यात्रियों के बैठन के लिए व्यवस्था की गई है। मंदाकिनी व सरस्वती नदी के संगम पर यात्रियों के लिए चेजिंग रूम बनाया गया है। इसके अलावा घाट बनने से वहां स्नान करना काफी सुविधाजनक एवं सुरक्षित हो गया है।

    

नई केदारपुरी में बढ़ा पैदल यात्रा का क्रेज, यात्री उठा रहे रोमांच का लुत्फ 

केदारनाथ में वर्ष 2013 में आई आपदा किसी से छिपी नहीं है। सारे रास्ते ध्वस्त हो चुके थे। लेकिन पुननिर्माण का कार्य इतनी तेजी से हुआ कि मानो नया शहर बस गया हो। पैदल रास्ते पहले से कहीं ज्यादा बेहतर और सुविधाओं से लैस है। यही कारण है कि करीब चार साल बाद केदारनाथ यात्रा में पैदल मार्ग को तवज्जों दी जा रही है और श्रद्धालु इसके आकर्षण का लुत्फ उठा रहे हैं। मौजूदा समय में गौरीकुंड से केदारनाथ पैदल मार्ग पर स्वास्थ्य विभाग ने एमआरपी (मेडिकल रिलीफ प्वाइंट) के साथ एक-एक वॉर्म रूम स्थापित किए हैं। 

   

 करीब 17 किमी पैदल मार्ग पर 9 एमआरपी बनाई जा रही है। केदारनाथ में भी दो वॉर्म रूम स्थापित होंगे। इस प्रकार यात्रा में कुल 11 वॉर्म रूम स्थापित होंगे। इस सुविधा से हाइपोथर्मिया (तेजी से शरीर का तापमान घटना, सांस लेने में दिक्कत) से पीड़ित मरीज के उपचार में मदद मिलेगी। पैदल मार्ग में हर 2-3 किलोमीटर की दूरी पर दुकानें मिल रही हैं। जहां चाय-बिस्कुट, पानी आदि खाने-पीने की चीजें उपलब्ध हैं। यात्रियों की खासी तादाद देखकर दुकानदारों के चेहरे भी खिलें हैं।

क्षेत्रियों लोगों का कहना है कि आपदा के बाद पहली बार इतनी तादाद में श्रद्धालु दर्शन के लिए उमड़े हैं। रास्ते में बीच में कई जगह प्रतीक्षालय, बैठने का स्थान भी बनाए गए हैं, जहां लोग अपनी थकान दूर कर सकते हैं। केदरानाथ बेस कैंप में 12 बैड का स्वामी विवेकानंद धमार्थ चिकित्सालय का उद्घाटन हाल ही में राज्यपाल बेबी रानी मौर्य व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया। चिकित्सालय में यात्रियों को निशुल्क चिकित्सा मुहैया करायी जाएगी।

   

उत्तराखंड में चारधाम बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री के अलावा हेमकुंड साहेब ना सिर्फ आस्था के केंद्र हैं, बल्कि यहां की यात्रा आर्थिकी का भी अहम जरिया हैं। जून 2013 में आई आपदा से चारधाम यात्रा बुरी तरह प्रभावित हुई और बावजूद इसके सरकार ने चारधाम यात्रा मार्गों पर अवस्थापना सुविधाओं के साथ ही अन्य प्रबंधों के जरिए यात्रियों का भरोसा हासिल किया है।   

लंबे इंतजार के बाद 2018 में चारधाम में यात्रियों की संख्या बढ़कर 26 लाख से अधिक हो गई थी। हेंमकुड़ साहिब के यात्रियों को मिलाकर 8 सितंबर 2019 तक कुल 28 लाख 58 हजार श्रद्धालुओं ने दर्शन किये। फोटो मेट्रिक रजिस्ट्रेशन 7 लाख 33 हजार, ऑनलाइन पंजीकरण 31 हजार हुए। मोबाइल एप से 27 हजार पांच सौ पंजीकरण हुए। केंद्र की महत्वाकांक्षी ऑल वेदर रोड के बनने पर यात्रियों की संख्या में न सिर्फ इजाफा होगा, बल्कि सालभर यात्रा हो सकेगी। 

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