Kedarnath Temple: केदारनाथ में जमी नौ फीट बर्फ बढ़ा रही है प्रशासन की चिंता
केदारपुरी में हुई भारी बर्फबारी यात्री सुविधाएं जुटाने में अवरोध बन सकती है। केदारनाथ धाम के कपाट 29 अप्रैल को खोले जाने हैं और अभी वहां नौ फीट से अधिक बर्फ जमी है।
रुद्रप्रयाग, जेएनएन। इस बार शीतकाल के दौरान केदारपुरी में हुई भारी बर्फबारी यात्री सुविधाएं जुटाने में अवरोध बन सकती है। केदारनाथ धाम के कपाट 29 अप्रैल को खोले जाने हैं और अभी वहां नौ फीट से अधिक बर्फ जमी है। इतना ही नहीं, आए दिन बर्फबारी का सिलसिला भी जारी है। यह जरूर है कि बर्फ से ढकी केदारपुरी में यात्री प्रकृति के खूबसूरत नजारों को निहार पाएंगे, लेकिन इसके साथ ही उन्हें तमाम समस्याओं से भी रूबरू होना पड़ेगा।
समुद्रतल से 11657 की ऊंचाई पर स्थित केदारपुरी में इस बार बीते वर्ष की अपेक्षा काफी अधिक बर्फबारी हुई है। पैदल मार्ग पर 15 फीट और धाम में नौ फीट से अधिक बर्फ जमी है। इस पर धाम के कपाट बीते वर्ष की अपेक्षा दस दिन पूर्व खुल रहे हैं। जाहिर है ऐसी स्थिति में यात्रा तैयारियां भी पहले ही शुरू करनी होंगी। लेकिन, इसमें आए दिन हो रही बर्फबारी मुश्किलें पैदा करेगी।
हालात देखें तो फिलवक्त केदारपुरी में बिजली, पानी व संचार सुविधा पूरी तरह ठप है। इन सभी व्यवस्थाओं को यात्रा शुरू होने से पूर्व बहाल किया जाना है। सबसे बड़ी चुनौती तो पीने के पानी की है। अत्याधिक ठंड के कारण पैदल पड़ावों से लेकर धाम तक पानी जमा हुआ है। यह समस्या तब तक बनी रहेगी, जब तक कि बर्फ नहीं पिघल जाती। ऐसे में यात्रियों के लिए पीने का पानी जुटाना आसान नहीं होगा।
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बढ़ सकती हैं हृदय रोगियों की मुश्किलें
अधिक ठंड होने के कारण केदारपुरी में हृदय रोगियों की मुश्किलें भी बढ़ जाती हैं। वर्ष 2012 में 28 अप्रैल को कपाट खुले थे और पहले तीन दिनों में ही 52 यात्रियों की हृदयगति रुकने से मौत हो गई थी। जबकि, इस बार लिनचोली से केदारनाथ तक पांच किमी हिस्से में मई में भी बर्फ पिघलने के आसार कम ही हैं। जाहिर है ऐसी स्थिति में प्रशासन को अतिरिक्त सतर्कता बरतनी पड़ेगी। हालांकि, जिलाधिकारी मंगेश घिल्ड़ियाल का कहना है कि यात्रा शुरू होने से पूर्व सभी व्यवस्थाएं बहाल हो जाएंगी। प्रशासन का पूरा फोकस मूलभूत सुविधाएं जुटाने पर है, ताकि यात्रियों को किसी तरह की दिक्कत न हो।
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