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केदारनाथ में 20.44 हेक्टेयर भूमि राजस्व अभिलेख में होगी दर्ज

केदारनाथ में जिला प्रशासन ने 1022 नाली भूमि बंदोबस्त के तहत राजस्व भूमि में दर्ज करने का प्रस्ताव शासन को भेजा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 14 Oct 2020 10:46 PM (IST)Updated: Thu, 15 Oct 2020 05:08 AM (IST)
केदारनाथ में 20.44 हेक्टेयर भूमि राजस्व अभिलेख में होगी दर्ज
केदारनाथ में 20.44 हेक्टेयर भूमि राजस्व अभिलेख में होगी दर्ज

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग : केदारनाथ में जिला प्रशासन ने 1022 नाली भूमि बंदोबस्त के तहत राजस्व भूमि में दर्ज करने का प्रस्ताव शासन को भेजा है। यह भूमि वर्तमान में राज्य सरकार के नक्शे में दर्ज नहीं है और वन विभाग के दस्तावेजों में भी इसका उल्लेख नहीं है। अब जिला प्रशासन ने इस भूमि का बंदोबस्त के तहत सर्वे करवाकर कर रिपोर्ट शासन को भेज दी है।

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केदारनाथ में वर्ष 2013 में आपदा के बाद से यहां पर पुनर्निर्माण कार्य किए जा रहे हैं। प्रदेश सरकार की अधिसूचना पर जिला प्रशासन ने केदारनाथ व लिनचोली के मध्य भूभाग का सर्वेक्षण एवं अभिलेख संक्रियाओं का कार्य किया गया। जिस पर शासन ने ऊखीमठ तहसील के एसडीएम को सहायक अभिलेख अधिकारी के पद पर नियुक्त किया तथा केदारनाथ क्षेत्र में बंदोबस्ती के तहत धरातल पर सर्वे कराया गया। इसके अनुसार अनुसार 20.443 हेक्टेयर भूमि राजस्व अभिलेखों में दर्ज नहीं है और वन विभाग के खाते में भी दर्ज नहीं है। इस भूमि का सर्वे कर बंदोबस्त वाली टीम ने केदारनाथ का नया अभिलेख तैयार किया गया है और अपनी रिपोर्ट शासन को भेजी है।

डीएम वंदना सिंह ने बताया कि रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। शासनादेश जारी होने के बाद इस भूमि को आपदा प्रभावित उन तीर्थपुरोहितों को दिया जाएगा जिनकी भूमि सरकार ने अधिग्रहण की है। साथ ही भूमि पर अन्य निर्माण कार्य किए जाएंगे। डीएम ने बताया कि यह भूमि राजस्व अभिलेखों में दर्ज होने से केदारनाथ में यात्रियों के लिए और बेहतर व्यवस्थाएं की जा सकेंगी। केदारनाथ में भी अवैध निर्माण को लेकर सर्वे कराया जा रहा है, जो भी अवैध निर्माण होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


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