108 कर्मियों के सामने अब रोजगार का संकट
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: प्रदेश सरकार की ओर से आपातकालीन सेवाओं का जिम्मा जीवीके से हटाकर नई कंपनी
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: प्रदेश सरकार की ओर से आपातकालीन सेवाओं का जिम्मा जीवीके से हटाकर नई कंपनी कैम्प को सौंपने से जिले के दो दर्जन से अधिक कर्मचारियों के सामने रोजगार का संकट पैदा हो गया है। 108 आपातकालीन सेवा एवं खुशियों की सवारी में वर्षो से सेवाएं दे रहे कर्मचारियों में सरकार के खिलाफ आक्रोश बना हुआ है।
विगत दस वर्षों से 108 आपातकालीन सेवा एवं खुशियों की सवारी में कार्यरत सभी इमरजेंसी मेडिकल टैक्निशियन व चालक विभिन्न भौगोलिक परिस्थितियों में कार्य करते आ रहे है। पहाड़ों में इस सेवा को जीवनदायिनी के रूप में जाना जाता है। सरकार की गलत नीतियों के कारण उन्हें आज बेरोजगार होना पड़ रहा है। ऐसे में इन कर्मचारियों को पलायन के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।108 आपातकालीन सेवा संगठन के मीडिया प्रभारी साकेत पुरोहित ने बताया कि दस वर्षों से सेवाएं देने के बाद कर्मचारी खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। उनके सामने पलायन के सिवाय कोई रास्ता नहीं रह गया है। कर्मचारियों को 31 मार्च तक का नोटिस मिला है। प्रदेश के आठ सौ कर्मचारी अन्य राज्यों में नौकरी के लिए आवेदन करने लगे हैं। सरकार ने कर्मचारियों को नई कंपनी कैम्प में समायोजित न कर उनके सामने आर्थिकी का संकट पैदा कर दिया है। कहा कि सरकार अगर ठोस नीति बनाती तो कर्मचारियों को ऐसे दिन नहीं देखने पड़ते। उन्होंने सरकार से इस संबंध में उचित कार्रवाई करने की मांग की है।