मुठभेड़ में शहीद पीएससी जवान की वीरांगना को 38 वर्ष बाद मिला न्याय, मिलेगा पूरा संशोधित वेतन और पेंशन
38 साल के बाद शहीद पीएससी जवान की पत्नी नंदा देवी पिथौरागढ़ को अब पूरी संशोधित सैलरी और पेंशन मिलेगी।
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: सरकारी कार्यप्रणाली आम आदमी पर ही नहीं शहीदों के परिवार को भी बहुत भारी पड़ती है। जिले के एक ऐसे ही शहीद की विधवा पिछले 38 वर्षो से नाममात्र के वेतन, पेंशन पर गुजारा कर रही थी। लंबी लड़ाई के बाद आखिरकार यूपी सरकार ने अपनी गलती मान ली और विधवा को शहीद पति के संशोधित वेतन और पेंशन भुगतान के निर्देश जारी कर दिए हैं।
लेलू गांव के सुरेंद्र सिंह पीएससी की 31वीं वाहिनी में कांस्टेबल पद पर तैनात थे। आठ फरवरी 1982 को आगरा के बिखौना गांव में डाकुओं से हुई मुठभेड़ में वह शहीद हो गए। यूपी सरकार ने शहीद की विधवा नंदा देवी के लिए 458 रुपये मासिक वेतन स्वीकृत कर दिया। पति की सेवानिवृत्ति की आयु के बाद उन्हें साधारण पारिवारिक पेंशन मिली, लेकिन समय-समय पर हुए वेतन और पेंशन संशोधन का लाभ उन्हें मिल पाया। कई बार यूपी पुलिस मुख्यालय इलाहाबाद से पत्राचार किया, लेकिन मुख्यालय का रवैया उपेक्षापूर्ण रहा। उन्होंने पीएसी मुख्यालय रुद्रपुर भी सम्पर्क साधा, लेकिन 1986, 96, 2006 और 2016 में हुए पेंशन संशोधन का लाभ नहीं मिला। ऐसे मामलों में कई परिवारों की मदद कर चुके पूर्व उप-कोषाधिकारी डीएस भंडारी के संज्ञान में यह मामला आया तो उन्होंने नंदा देवी को न्याय दिलाने का बीड़ा उठाया। उन्होंने यूपी महालेखाकार कार्यालय से सम्पर्क किया, लेकिन रवैया उपेक्षापूर्ण ही रहा। इस पर उन्होंने सूचना अधिकार अधिनियम का सहारा लिया। आरटीआइ में भी पूरी सूचना नहीं दी गई। उन्होंने सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया। मामले की सुनवाई करते हुए आयोग ने नंदा देवी को संशोधित वेतन और पेंशन का लाभ देने के निर्देश दिए। इस निर्देश के बाद यूपी महालेखाकार कार्यालय नंदा देवी के संशोधित वेतन और पेंशन की पत्रावली महालेखाकार देहरादून से होते हुए पिथौरागढ़ कोषागार पहुंच गई है। महिला को अब शीघ्र ही अवशेष का भुगतान मिल जाएगा। नंदा देवी ने डीएस भंडारी का आभार जताया है। ======= नंदा देवी मामले की पत्रावलियां देहरादून महालेखाकार कार्यालय से जिला कोषागार को प्राप्त हो गई हैं। इस मामले में कार्रवाई की जा रही है। जल्द ही महिला को भुगतान कर दिया जाएगा।
- महेश चंद्र भट्ट, सहायक कोषाधिकारी, पिथौरागढ़