हम सीमा के प्रहरी हैं, नोटिफाइड जरू री हैं
संवाद सूत्र, धारचूला: छियालेख स्थित नोटिफाइड लाइन को पूर्व की भांति जौलजीवी स्थापित करने की
संवाद सूत्र, धारचूला: छियालेख स्थित नोटिफाइड लाइन को पूर्व की भांति जौलजीवी स्थापित करने की मांग को लेकर सीमांत की जनता सड़कों पर उतर चुकी है। जनता ने ढोल ,नगाड़ों के साथ हम सीमा के प्रहरी हैं , नोटिफाइड जरूरी है के नारे के साथ जुलूस के साथ प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन के बाद तहसील कार्यालय के सम्मुख क्रमिक अनशन प्रारंभ कर दिया है। पहले दिन के क्रमिक अनशन में महिलाएं बैठी हैं।
चीन और नेपाल सीमा पर स्थित धारचूला तहसील क्षेत्र को नोटिफाइड क्षेत्र घोषित करने की मांग विगत लंबे समय से चली आ रही है। इस मांग को लेकर आए दिन तहसील क्षेत्र में आंदोलन हो रहे हैं। सोमवार से धारचूला बचाओ संघर्ष समिति के उपाध्यक्ष दिनेश चलाल के नेतृत्व में पूरे नगर में ढोल नगाड़ों के साथ विशाल प्रदर्शन करते हुए क्रमिक अनशन प्रारंभ कर दिया है। नोटिफाइड लाइन के जौलजीवी स्थापित होने पर भी दम लेने का ऐलान किया है। नोटिफाइड को पर लोगों का यह कहना है सीमांत के नागरिक राष्ट्रीय हितों को लेकर चिंतित । सीमा की सामरिक सुरक्षा के लिए सरकार को नोटिफाइड लाइन जौलजीवी घोषित करनी होगी। गुमान सिंह बिष्ट, अध्यक्ष अनवाल समिति
वर्ष 1998 से स्थानीय जनता द्वारा नोटिफाइड एरिया के नियमों का सख्ती से पालन करने की मांग को लेकर आंदोलन चलाया जा रहा है। बाहरी लोगों चिन्हित करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। सरकार ने जौलजीवी स्थित नोटिफाइड लाइन को 80 किमी दूर आगे छियालेख बना दिया। देवकृष्ण फकलियाल, महासचिव रं कल्याण संस्था त्रिकोणीय सीमा पर होने के कारण भौगोलिक परिस्थितियों वाला क्षेत्र देश की सुरक्षा के लिए अत्यंत संवेदनशील है। क्षेत्र में सत्यापन की धीमी गति है। ऐसे में अपराधियों के लिए यह क्षेत्र मुफीद साबित हो सकता है।
पूरन सेलाल, अध्यक्ष दिलिंग दारमा सेवा समिति अनशन पर बैठी महिलाएं धारचूला: क्रमिक अनशन के पहले दिन महिलाएं अनशन पर बैठी हैं। अनशन पर बैठने वालों में नंदा बिष्ट, उर्मिला गुंज्याल, अंजू रौंकली, जानकी देवी ,धनुली देवी हैं। जुलूस , प्रदर्शन में शामिल प्रमुख लोगों में रं कल्याण संस्था के अध्यक्ष कृष्ण गब्र्याल, विशन कुटियाल, जयराज बुदियाल, रमेश थलाल, नरेश ग्वाल, सुरेश राम, बिंद्रा देवी, भगवती नबियाल, लक्ष्मी गुंज्याल, प्रेमा कुटियाल, विमला रौंकली, निर्मला देवी आदि शामिल थे।