जिला मुख्यालय में ही हर रोज बर्बाद हो रहा हजारों लीटर पानी
संवाद सहयोगी पिथौरागढ़ सरकारी महकमे जनता की गाढ़ी कमाई को किस तरह बर्बाद करते हैं इसका
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: सरकारी महकमे जनता की गाढ़ी कमाई को किस तरह बर्बाद करते हैं इसका एक नमूना जिला मुख्यालय में देखा जा सकता है। लोक निर्माण विभाग विश्राम गृह के समीप बने पेयजल टैंक में पिछले एक वर्ष से रिसाव हो रहा है, इस रिसाव को रोकने के लिए अब तक कोई पहल नहीं हुई है। हर रोज सैकड़ों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है।
नगर के बड़े हिस्से को पेयजल आपूर्ति के लिए दो दशक पूर्व लोक निर्माण विभाग विश्राम गृह के समीप स्टील टैंक बनाया गया था। पूर्व में यह टैंक घाट और इसके बाद ठुलीगाड़ पंपिग योजनाओं से जुड़ा रहा। एक वर्ष पूर्व टैंक को लगभग 80 करोड़ की लागत से बनी आंवलाघाट पेयजल योजना से जोड़ा गया है। टैंक में पिछले एक वर्ष से रिसाव हो रहा है। एक वर्ष एक स्थान पर रिसाव की समस्या थी आज तीन स्थानों से टैंक रिस रहा है। टैंक से पूरे दिन में हजारों लीटर पानी की बर्बादी हो रही है। एक वर्ष पूर्व रिसाव का यह मसला उठने पर जिलाधिकारी ने जल संस्थान को रिसाव रोकने के साथ ही जल संग्रहण के लिए नए टैंक का निर्माण करने के निर्देश दिए थे, लेकिन न तो टैंक का रिसाव बंद हुआ और नहीं नए टैंक का निर्माण शुरू हुआ। बता दें आंवलाघाट से पांच चरणों में पानी लिफ्ट कर पिथौरागढ़ नगर तक पहुंचता है। एक लीटर पानी को नगर तक पहुंचाने में लगभग 10 रुपये की लागत आती है। रिसाव से हर रोज सरकार को हजारों रुपये की क्षति हो रही है। इस मामले में जल संस्थान का कहना है कि टैंक काफी पुराना हो चुका है, इसमें रिसाव को रोक पाना संभव नहीं है। नए टैंक के निर्माण की कवायद चल रही है।