एक मिनट कॉल का दस रुपये भुगतान करने को मजबूर गलाती के ग्रामीण, भारतीय संचार कंपनियों के नेटवर्क नहीं करते काम
पिथौरागढ़ धारचूला के सीमांत विकास खंड के सबसे नजदीकी गांव गलाती के ग्रामीण संचार सुविधा को लेकर परेशान है। नेपाल के मोबाइल नेटवर्क पर टिके ग्रामीण एक मिनट काल का दस रुपये भुगतान कर रह है।
संवाद सूत्र, धारचूला: सीमांत विकास खंड धारचूला के सबसे नजदीकी गांव गलाती के ग्रामीण संचार सुविधा को लेकर परेशान हैं। भारतीय संचार कंपनियों के नेटवर्क इस क्षेत्र में काम नहीं कर रहे हैं। मजबूर ग्रामीण नेपाल की संचार सेवा का उपयोग कर रहे हैं, जिसके लिए उन्हें प्रति मिनट 10 रुपये की दर से भुगतान कर रहे हैं।
विकास खंड मुख्यालय से आठ किमी. दूर स्थित गलाती गांव बड़ी आबादी वाले गांवों में एक है। इस क्षेत्र में बीएसएनएल सेवा देने वाली एकमात्र संचार कंपनी है। जिसके सिग्लन यहां नहीं पहुंचते हैं। सामाजिक कार्यकर्ता गोविंद धामी का कहना है कि भारतीय कंपनी के सिग्नल नहीं आने से मजबूर ग्रामीण नेपाल की संचार कंपनियों की सेवा ले रहे हैं, जिसके लिए उन्हें प्रति मिनट दस रुपये की दर से भुगतान करना पड़ रहा है और यह राजस्व नेपाल को जा रहा है। डिजिटल क्रांति का कोई लाभ इस क्षेत्र की जनता को नहीं मिल रहा है। ग्रामीण कई बार गांव को बीएसएनल नेटवर्क से जोड़े जाने की मांग कर चुके हैं, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई पहल नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि गांव को जोड़ने वाले सड़क की हालत भी लंबे समय से खस्ताहाल है। हल्की सी बरसात में ही पहाड़ी से पत्थर गिरने लगते हैं। यह समस्या भी कई बार प्रशासनिक अधिकारियों के सम्मुख रखी जा चुकी है, लेकिन प्रशासन सुधार के लिए पहल नहीं कर रहा है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि शीघ्र गांव की समस्याएं हल नहीं हुई तो ग्रामीण एनएच जाम करने को मजबूर होंगे। ========== गलाती गांव में टूजी के नेटवर्क में किसी तरह की दिक्कत नहीं है। गांव का कुछ हिस्सा अंदर की ओर है, संभवत: पहाड़ी की वजह से थ्रीजी नेटवर्क में दिक्कत आ रही है। बुधवार को इसकी जांच की जाएगी।
- ज्योतेंद्र नेगी, प्रभारी एसडीओ, बीएसएनएल।