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सड़क की खुदाई करने वाली मशीन बनी संजीवनी, फंसे लोगों को पार कराया नाला

सड़क की खुदाई और मलबा हटाने में प्रयोग की जानी वाली जेसीबी के जरिये नजंग में फंसे लोगों को नाला पार कराया गया। वहीं, पिथौरागढ़ जिले के कई मार्ग अभी भी बंद हैं।

By BhanuEdited By: Published: Fri, 06 Jul 2018 01:30 PM (IST)Updated: Tue, 10 Jul 2018 02:38 PM (IST)
सड़क की खुदाई करने वाली मशीन बनी संजीवनी, फंसे लोगों को पार कराया नाला
सड़क की खुदाई करने वाली मशीन बनी संजीवनी, फंसे लोगों को पार कराया नाला

धारचूला, पिथौरागढ़ [जेएनएन]:  सड़क की खुदाई और मलबा हटाने में प्रयोग की जानी वाली जेसीबी नजंग में फंसे लोगों के लिए संजीवनी साबित हो रही है। उफान पर आए नाले के दूसरी ओर फंसे लोगों को जेसीबी मशीन से नाला पार कराया जा रहा है। 

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कैलास मानसरोवर यात्रा पथ में पड़ने वाले नजंग में मलबा आ जाने से मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया था। इस मार्ग पर आवागमन करने वाले तमाम लोग नाले के पार फंस गए थे। नाले में बना पुल बह जाने से लोगों को निकलना मुसीबत बना हुआ था। 

ऐसे में सड़क निर्माण के लिए लगाई गई जेसीबी मशीन काम आ गई। मशीन के चालक ने जेसीबी के पंजे में बैठाकर दर्जनों लोगों को नाला पार कराया। नाला पार करने वाले लोगों ने जेसीबी चालक का आभार जताया। चालक ने पांच दर्जन लोगों को इसी तरह नाला पार कराया। 

बता दें नजंग में मार्ग ध्वस्त हो जाने के बाद क्षेत्र से कैलास मानसरोवर यात्रा बंद कर दी गई है। यात्रियों को जिला मुख्यालय से हैलीकाप्टर के जरिए सीधे गुंजी ले जाया जा रहा है। वापसी कर रहे यात्रियों को भी गुंजी से सीधे जिला मुख्यालय लाने की व्यवस्था की गई है। 

प्लास्टिक टेंट में रात बिता रहे हैं चिमराड़ के चार परिवार 

प्रकृति की मार के बाद चिमराड़ गांव के ग्रामीण जंगली जानवरों का खतरा झेलने को मजबूर हैं। गांव के चार परिवार गांव के समीप ही खुली जगह पर टेंट लगाकर रात काट रहे हैं। चार रोज पूर्व बारिश के चलते चार मकान खतरे की जद में आ गए थे। इन मकानों के आंगन टूट गए और दीवारों में दरारें आ गई। 

मकानों के ध्वस्त होने की आशंका को देखते हुए ग्रामीणों ने मकान छोड़ दिए। गांव में कोई सार्वजनिक भवन नहीं होने के चलते ग्रामीणों को खुले में टेंट लगाने पड़े। गांव को अब तक कपड़े के टेंट उपलब्ध नहीं हो पाए जिसके चलते ग्रामीणों को प्लास्टिक के टेंट लगाने पड़े। मजबूर ग्रामीण परिवार सहित इन्हीं टेंट में रात बिता रहे हैं। 

प्रभावितों ने बताया कि दिन तो किसी तरह कट जा रहा है, लेकिन रात में परिवार के एक सदस्य को जंगली जानवरों से बचाव के लिए पहरेदारी करनी पड़ रही है। परिवारों में छोटे-छोटे बच्चे भी हैं। गांव की सीमा तक जंगली जानवरों का पहुंचना सामान्य बात है। ग्रामीणों ने प्रशासन से अविलंब पुनर्वास की गुहार लगाई है।

रौग से बूंदी तक आवाजाही पर रोक 

मुनस्यारी से मदकोट के मध्य छठे दिन मार्ग खुल गया, लेकिन जौलजीबी से मदकोट मार्ग अभी भी बंद है। इसके साथ ही तवाघाट सोबला दारमा मार्ग, तवाघाट गर्बाधार कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग, मुनस्यारी मिलम मार्ग अभी भी बंद पड़े है। 

कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग में तीन तोला के पास फोल्डिंग पुल निर्माण सामग्री पहुंच गई है। बीआरओ ने एक सप्ताह में पुल निर्माण का भरोसा दिलाया है। कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग में अब रौग से बूंदी के मध्य आवाजाही पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। 

पांच दिन से लापता है युवक 

बूंदी लामारी निवासी भूपाल सिंह बुदियाल (26 वर्ष) पुत्र रत्न सिंह पांच दिन से लापता है। भूपाल दो जुलाई को बूंदी से धारचूला को रवाना हुआ था। वह अभी तक न तो धारचूला पहुंचा है और नही बूंदी वापस लौटा है। उसे ढूंढने निकले ग्रामीणों को रौग के पास रोक दिया गया है। शुक्रवार को पिथौरागढ़ से हैलीकाप्टर से 43 क्विंटल राशन गुंजी भेजा गया है।

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